चंडीगढ़/पंचकूला, 31 जनवरी
चंडीगढ़ में गारबेज के मुद्दे को लेकर चंडीगढ़ रेजिडेंट एसोसिएशन वेलफेयर फैडरेशन (क्राफेड) की आज आपातकालीन बैठक सेक्टर 22 के सामुदायिक केंद्र में बुलाई गयी, जिसकी अध्यक्षता क्राफेड के अध्यक्ष हितेश पुरी ने की। इस मीटिंग का मुख्य एजेंडा डोर-टू-डोर कूड़े को इकट्ठा करने के संशय को दूर करने के लिए चंडीगढ़ के महापौर रविकांत शर्मा को बुलाया गया। इस मीटिंग की अध्यक्षता हितेश पुरी ने की और वरिष्ठ चेयरमैन सुरेंद्र शर्मा ने बैठक का संचालन किया।
हितेश पुरी ने मेयर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि गारबेज को इकट्ठा करने के आधुनिक तरीके का स्वागत है परंतु जो सफाई कर्मचारी पिछले कई सालों से हमारे घरों से कूड़ा इकट्ठा कर रहे हैं, उनका किसी भी हालत में रोजगार न छीना जाये। उन्होंने कहा कि कई मकानों में रहने वाले लोग सुबह जल्दी अपने काम पर चले जाते हैं। ऐसे लोगों की सुविधा का भी ध्यान रखना होगा।
कूड़ा गाड़ी का समय बढ़ाया जाये
क्राफेड के मुख्य प्रवक्ता डाॅ. अनीश गर्ग ने कहा की कूड़ा उठाने के लिए जो गाड़ियां मोहल्ले में आएंगी उनका शुरूआती दिनों में समय ज्यादा रखना होगा। क्योंकि गाड़ी की एकदम आवाज सुनते ही कूड़ा लेकर बाहर आने का लोगों को अभ्यास नहीं है। और गारबेज के मुद्दे को लेकर एक धड़ा अभी भी प्रदर्शन पर है। नगर निगम को इनसे भी वार्ता करनी चाहिए ताकि इस आपस की खींचातानी में चंडीगढ़ की जनता परेशान न हो।
जनता के सामने रखे जाएं रेट
सीनियर वाइस चेयरमैन जीएस आहलूवालिया ने कहा कि नगर निगम में जो कूड़े के लिए रेट तय किए हैं, वह जनता के समक्ष रखे जाये। बैठक में नेहा अरोड़ा, कुलदीप सिंह गिल, जोगिंदर सिंह, सुप्रिया, प्रीति वर्मा ने अपने प्रश्न रखें। इन सभी सवालों का जवाब देते हुए महापौर रविकांत शर्मा ने कहा गारबेज को इकट्ठा करने की नई योजना एनजीटी के निर्देशों पर तय हुई है।
गारबेज कलेक्टरों की मांगों को माना : मेयर
मेयर ने बताया कि डोर-टू-डोर गारबेज इकट्ठा करने वालों को 3 साल से एनजीटी की इस योजना के बारे में अवगत करा दिया गया था। इस संबंध में गारबेज कलेक्टर कोई ठोस प्रस्ताव लेकर नहीं आये लेकिन नगर निगम ने फिर भी प्रदर्शन करने वाले गारबेज कलेक्टरों की अधिकतम मांगों को मान लिया है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि मौजूदा स्थिति में कूड़ा उठाने वाले सभी स्वयं को नगर निगम के साथ रजिस्टर्ड करें और उनको काम पर रखा जाएगा। साथ ही कहा कि जितना पैसा भी अभी ले रहे हैं, उसमें कोई कटौती नहीं की जाएगी। हमने इनको कूड़ा स्वयं बेचने तक की रजामंदी जाहिर कर दी है।
टोप फ्लोर पर रहने वाले तथा वृद्ध परेशान
महासचिव रजत मल्होत्रा ने कहा कि पुरानी व्यवस्था से घरों से उठाया जाने वाला तरीका हमारे लिए आसान था। हाउसिंग बोर्ड के मकानों में दूसरे और तीसरे माले पर रहने वाले वाले तथा बुजुर्ग इस नई व्यवस्था को लेकर आशंकित हैं। इस नई व्यवस्था में अन्य विकल्पों का ध्यान रखना जरूरी है। दूसरा संशय यह भी है कि हाउसिंग बोर्ड के भीतर सड़कें छोटी हैं ऐसे में कूड़ा उठाने वाले बड़े ट्रकों से काफी असुविधा होगी।