चंडीगढ़/पंचकूला, 10 अगस्त (नस)
चंडीगढ़ में बिजली विभाग का निजीकरण करने के लिए निजी कंपनी को ठेका देने की प्रक्रिया तेज होने के साथ ही कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है। संयुक्त कर्मचारी मोर्चे ने मंगलवार को सेक्टर 17 में यूटी प्रशासन और बिजली विभाग के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। संयुक्त कर्मचारी मोर्चा के बैनर तले कर्मचारी सुबह 9 से शाम 5 बजे तक हड़ताल पर रहे। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों पर नो वर्क नो पे का नियम लागू होगा।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मौके पर ही रोके रखा। बिजली विभाग की यूनियन के गोपाल दत्त जोशी ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन ने बिजली विभाग को 871 करोड़ रुपए ठेके पर दे दिया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा नहीं दे रहा है। आज की हड़ताल का आह्वान बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने संसद में बिजली संशोधन बिल के खिलाफ तथा निजीकरण के खिलाफ किया था। सरकार द्वारा 10 अगस्त को संसद में बिल पेश न करने के समाचार के बाद अखिल भारतीय हड़ताल वापस ले ली थी लेकिन चंडीगढ़ में बिडिग के काम में तेजी का विरोध करने तथा उससे पहले कम्रचारियों के हितों को सुरक्षित करने के लिए पालिसी न बनाने के खिलाफ यूटी पावरमैन यूनियन के कर्मचारी खूब गरजे। इस संदर्भ में प्रशासक के सलाहकार को दिये गये ज्ञापन में बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की गई।