इन्द्री, 31 अगस्त (निस)
उपमंडल के गांव भादसों में विमुक्त घुमंतू जनजातियों का विमुक्ति दिवस समारोह मनाया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से अनेक समाज के प्रमुख लोगों ने हिस्सा लेकर के अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक श्याम सिंह अहरिया व हरियाणा विमुक्त घुमंतू जाति विकास बोर्ड के वाइस चेयरमैन जय सिंह पाल ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि घुमंतू जातियां आज भी शिक्षित नहीं हैं ना ही वे जागरूक हैं।
इस प्रकार के कार्यक्रमों से इनको जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 1947 में देश तो आजाद हो गया था लेकिन उन्हें 31 अगस्त 1952 के काले कानून से आजादी प्राप्त हुई थी। देश आजाद होने से पहले अंग्रेज 1871 में क्रिमिनल एक्ट के जरिए इनको घोर यातनाएं देते थे।
15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ लेकिन हमारे ऊपर लगाए गए उस समय के कानून को 31 अगस्त 1952 को हटाया गया। उसी दिन से डीएनटी समाज मुक्ति दिवस बड़े उत्साह से मनाता है।
भारतवर्ष में 193 कबीले मुक्ति जाति से हैं। 443 जातीयां घुमंतु में आती हैं। आजाद भारत में यह लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि इनके उत्थान के लिए विशेष कार्य करें। हरियाणा विमुक्त घुमंतू जाति विकास बोर्ड के हरियाणा के वाइस चेयरमैन जयपाल सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार ने कुछ जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया है।