चंडीगढ़, 7 सितंबर (ट्रिन्यू)
शिक्षाविदों, अनुसंधान और नवाचार में उत्कृष्टता आगे बढ़ने का रास्ता है और डिजिटल बुनियादी ढांचा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मूल मूल्यों और भावना को अपनाकर विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा। यह बात भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, नयी दिल्ली में उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) पर एक दिवसीय कार्यशाला में पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति रेनू विग ने कही।
प्रोफेसर रेनू विग ने कहा कि 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर (डेटा सेंटर, कैंपस कनेक्टिविटी) को बढ़ाना, डुअल फाइबर कनेक्टिविटी, दिव्यांगजनों के लिए श्रव्य पुस्तकों के साथ डिजिटल लाइब्रेरी, सहयोग के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म का विकास, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के साथ एकीकृत एमओओसी प्लेटफॉर्म उस दिशा में प्रमुख क्षेत्र हैं। आईडीपी कार्यान्वयन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रकाश डालते हुए प्रो. विग ने कहा कि अकादमिक, अनुसंधान, नवाचार और उत्कृष्टता ही आगे बढ़ने का रास्ता है। उन्होंने कहा कि शिक्षाविदों, अनुसंधान, शासन और वित्त सहित सभी क्षेत्रों और मोर्चों को कवर करते हुए सर्वोत्तम प्रथाओं को व्यापक तरीके से लागू करने की आवश्यकता है।