मोहाली, 22 अक्तूबर (निस)
मोहाली के आईटी सिटी चौक से कुराली तक बनाए जा रहे नेशनल हाईवे के लिए अधिगृहीत की जाने वाली जमीन के मुआवजे का मामला गर्मा गया है। मोहाली के करीब आठ गांवों के जमीन मालिकों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि जमीन का मुआवजा मार्केट रेट के हिसाब से दिया जाए। जमीन मालिक प्रति एकड़ 4 करोड़ 22 लाख रुपये से कम मुआवजा नहीं लेंगे। अगर उनके साथ धक्केशाही की गई तो किसान पक्का संघर्ष शुरू कर देंगे। किसानों ने कहा कि वे इस मामले को लेकर अदालत तक जाने से पीछे नहीं हटेंगे।
नेशनल हाईवे-205 की सड़क के लिए गांव नगारी, गीगेमाजरा, गुडाणा, ढेलपुर, गोबिदंगढ़, चडियाला सूदां और गिदड़पुर समेत कई गांवों की जमीन एक्वायर की जा रही है। किसान नेता रणबीर सिंह ग्रेवाल ने बताया कि डीसी ईशा कालिया के साथ बैठक में किसानों ने अपना पक्ष रख दिया है। मोहाली तहसील के इन गांवों की जमीन एक्वायर करते समय इस बात को ध्यान में रखा जाए कि मोहाली में पूडा जमीन एक्वायर करते समय किसानों को लैंड पूलिंग ऑप्शन देता है। इसके तहत किसानों को एक शोरूम और एक रिहायशी प्लॉट दिया जाता है जिसकी मार्केट में कीमत 10 से 12 करोड़ रुपये बन जाती है। किसानों ने डीसी को कहा कि वे 12 करोड़ से नीचे और 4 करोड़ 22 लाख रुपये प्रति एकड़ कीमत से ऊपर ही अपनी जमीन देंगे। इससे कम कीमत किसी भी सूरत में पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनका कहना है कि जमीन के लिए नयी अवार्ड धारा-28/7 बनाई गई है। किसानों की पांच सदस्यों की कमेटी बनाकर किसानों से सलाह करके अवार्ड बनाया जाए। किसान नेताओं ने बताया कि उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चे के साथ तालमेल किया है। जल्द ही पंजाब के नेताओं से मिलकर मुआवजे के लिए रणनीति बनाई जाएगी।