जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9 नवंबर
पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट और पीयू के लोकतांत्रिक ढांचे को बचाने के लिये सोमवार को गोयल ग्रुप ने कुलपति प्रो. राजकुमार के कैंपस आफिस पर ‘सेव डेमोक्रेसी’ नाम से एक विरोध रैली आयोजित की। रैली में कई पूर्व सीनेटरों, प्रत्याशियों, फैकल्टी मैंबर्स और एनएसयूआई सहित कई अन्य संगठनों के छात्रों ने भी भाग लिया। सिंडिकेट के कई मैंबर भी इस विरोध रैली में शामिल हुए। नारेबाजी और धरने के बाद कुलपति प्रो. राजकुमार घर से बाहर आये व प्रदर्शनकारियों की बात सुनी। प्रो. नवदीप गोयल व अन्यों ने उनसे सवाल किया कि सिंडिकेट की मीटिंग क्यों नहीं बुलायी जा रही? इस पर कुलपति ने कहा कि वे एक-दो दिन के भीतर बैठक बुलाने पर कोई निर्णय लेंगे।
साथ ही धमकी भी दे डाली
विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने सीनेट चुनाव न कराये जाने के मसले को लेकर अपरोक्ष रूप से धमकी भी दे डाली । कहा कि पंजाब और पंजाबियों के लिये चंडीगढ़ और पंजाब यूनिवर्सिटी दोनों ही भावनात्मक मुद्दे हैं। पहले भी तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के समय में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने को लेकर दी गयी कन्सेंट को राजनीतिक दबाव के चलते वापस ले लिया गया था।
सीनेट चुनाव पर वीसी बोले-खर्च ज्यादा होगा
सीनेट चुनाव कराये जाने बारे जब कुलपति से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि गैर-शिक्षक कर्मचारी इसके लिये तैयार नहीं हैं और इसमें खर्च पहले से बहुत ज्यादा आने वाला है। इस पर सिंडिक मैंबर्स का कहना था कि इस बारे में कर्मचारियों की कन्सेंट ली जा सकती है। प्रो. नवदीप गोयल ने सुझाव दिया कि फैकल्टी के चुनाव में तो कोई खास मैनपावर भी नहीं लगेगी और रजिटर्ड ग्रेजुएट कांस्टीचुएंसी के चुनाव दो या तीन चरणों में कराये जा सकते हैं।