पंचकूला, 5 जनवरी(ट्रिन्यू)
बरवाला और रायपुररानी में मुर्गियों की मौत की शुरुआती जांच में पशुपालन विभाग ने बर्ड फ्लू के खतरे से इनकार किया है। विभाग का कहना है कि शुरुआती लक्षण बर्ड फ्लू के नहीं लग रहे हैं। पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ़ सुखदेव राठी ने बताया कि बरवाला के पोल्ट्री फार्म्स में मुर्गियों की मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं लग पाया है। एहतियात के तौर पर मृत मुर्गियों के सैंपल लेकर जालंधर की लैब में भेजे जा चुके हैं। जब तक लैब की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक मौत के कारणों के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। डॉ़ सुखदेव राठी के मुताबिक मुर्गियों के मरने की संख्या डिप्टी डायरेक्टर पंचकूला से तलब की गई है और पोल्ट्री फार्म प्रबंधकों को एहतियात बरतने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
कारोबार पर होने लगा असर
पोल्ट्री फार्म सूत्रों के मुताबिक अब तक डेढ़ लाख मुर्गियों की मौत हो चुकी है। प्रशासन की ओर से सभी पोल्ट्री फार्म पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन की ओर से जो सैंपल लिए गए थे, उनकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।
लेकिन बर्ड फ्लू होने की आशंका के चलते कारोबार पर असर दिखाई देने लगा है। हिमाचल में बर्ड फ्लू केस मिलने के चलते चंडीगढ़ में भी चिंता बढ़ गई है। बरवाला पोल्ट्री फार्म्स से अंडों और मुर्गियों की सप्लाई होती है।
‘सर्दियों में अक्सर मरती हैं मुर्गियां’
पिछले दो दिनों में कुछ पोल्ट्री फार्म में 7 से 8 हजार मुर्गियों की मौतें हुई हैं। वे प्राइवेट डॉक्टर्स से वैक्सीनेशन करवा रहे हैं। पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के प्रधान दर्शन गर्ग ने कहा कि उन्हें मुर्गियों के मरने का मुख्य कारण सर्दी लग रहा है। सर्दियों में अक्सर मुर्गियों की मौत होती है।