विवेक शर्मा/ट्रिन्यू, चंडीगढ़, 28 सितंबर
मल्टिपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis- MS) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (central nervous system) की एक गंभीर और अक्सर विकलांग करने वाली बीमारी है। दुनियाभर में लगभग 2.3 मिलियन लोग MS से पीड़ित हैं, हालांकि यह संख्या काफी अधिक हो सकती है। यह बीमारी दुनिया के हर हिस्से में पाई जाती है, लेकिन इसकी व्यापकता विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग है।
उत्तरी अमेरिका और यूरोप में इसका प्रचलन सबसे अधिक है (प्रति 100,000 व्यक्तियों में 50-100 मामले), जबकि उप-सहारा अफ्रीका और पूर्वी एशिया में यह सबसे कम है। भारत में इसकी व्यापकता लगभग 9-10 प्रति 1,00,000 जनसंख्या है, और माना जाता है कि देश में 100,000 से अधिक मरीज हैं।
यह जानकारी शनिवार को ‘मूव स्ट्रॉन्ग 24’ (Move Strong 24) अभियान में पीजीआई चंडीगढ़ के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रो. धीरज खुराना ने साझा की। यह कार्यक्रम PGIMER के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा चंडीगढ़ स्पाइनल सेंटर के साथ मिलकर आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य MS के बारे में जागरूकता बढ़ाना है और इसकी थीम ‘NAVIGATING MS TOGETHER’ है।
कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य, तकनीक का उपयोग, वित्तीय स्वतंत्रता, और कानूनी अधिकारों पर चर्चा की गई। इसमें MS वॉरियर्स द्वारा कार्यशालाएं और व्याख्यान आयोजित किए गए। वर्ल्ड एमएस डे के बारे जागरूकता बढ़ाने और इससे प्रभावित लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। ‘मूव स्ट्रॉन्ग 24’ का उद्देश्य यह बताना है कि MS को हराया जा सकता है और MS वॉरियर्स को कभी हार नहीं माननी चाहिए।
MS के कुछ सामान्य लक्षण
- दृष्टि संबंधी समस्याएं (धुंधलापन, दोहरी दृष्टि या दृष्टि खोना)
- मांसपेशियों की कमजोरी और अकड़न
- संतुलन और समन्वय में कठिनाई
- अत्यधिक थकान
- चलने-फिरने की कठिनाई
- सुन्नपन या झुनझुनी
रोग के प्रकार
MS अक्सर रिलैप्सिंग-रेमिटिंग MS के रूप में शुरू होता है, जिसमें लक्षण अचानक शुरू होते हैं और फिर कुछ समय बाद ठीक हो जाते हैं। कुछ मामलों में, यह प्रोग्रेसिव MS में बदल सकता है, जिसमें लक्षण धीरे-धीरे बिगड़ते जाते हैं।
रोग का कारण
MS के सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं, लेकिन इसे एक ऑटोइम्यून रोग माना जाता है, जहां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है। इसमें आनुवांशिकी, पर्यावरणीय कारक और संक्रमण जैसी चीजें भूमिका निभा सकती हैं।
उपचार
MS का इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित करने के लिए कई उपचार उपलब्ध हैं जो लक्षणों को कम करने और रोग की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकते हैं। इनमें दवाएं, फिजियोथेरेपी और जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं।
MS महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक
प्रो. धीरज खुराना ने बताया कि MS महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक आम है (कम से कम दो गुना) और अधिकांश लोग 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच निदान होते हैं। हालांकि, लगभग 3 से 5% मामले बच्चों में होते हैं और यह बीमारी वृद्ध लोगों में भी हो सकती है।
अधिकांश मरीजों में यह बीमारी बार-बार होने वाले और सुधार होने वाले तंत्रिका लक्षणों के साथ सामने आती है (जिसे रिलैप्सिंग और रेमिटिंग भी कहा जाता है)। इसके सामान्य लक्षणों में दृष्टि संबंधी समस्याएं, अत्यधिक थकान, संतुलन और समन्वय में कठिनाई, चलने-फिरने की क्षमता में कमी, मांसपेशियों की कमजोरी और अकड़न शामिल हैं। MS का हमला अचानक दृष्टि खोने या दोहरी दृष्टि, शरीर के एक हिस्से या पैरों में कमजोरी के रूप में हो सकता है।
उपचार और प्रबंधन
MS के साथ जीवन कठिन हो सकता है। कई मरीजों के लिए उन्नत अवस्था में केवल 50 कदम चलना भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। प्रारंभिक उपचार से ही इस बीमारी का प्रबंधन सफल हो सकता है। कई अनुमोदित उपचार विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें मौखिक उपचार (डाइमिथाइल फ्यूमारेट, टेरिफ्लुनोमाइड, फिंगोलिमोड) और इंजेक्शन (इंटरफेरॉन, ग्लाटिरामेर एसीटेट, रिटुक्सिमैब, नटालिज़ुमैब, ओक्रेलिज़ुमैब, ऑफ़ाटुमुमैब, एलेम्टुज़ुमैब) शामिल हैं, साथ ही पुनर्वास उपाय और व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं।
PGIMER का Multidisciplinary Clinic PGIMER, चंडीगढ़ में MS और अन्य डिमायलिनेटिंग बीमारियों जैसे NMOSD और MOGAD के लिए एक Multidisciplinary Clinic चलाया जा रहा है। इस क्लिनिक में 400 से अधिक मरीज पंजीकृत हैं, और हर हफ्ते हमारे OPD में औसतन 5-6 मरीज देखे जाते हैं। इस बहुविषयक टीम में न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजी रेजिडेंट, MS काउंसलर, मनोवैज्ञानिक, व्यावसायिक चिकित्सक और फिजियोथेरेपिस्ट शामिल होते हैं, जो मरीजों के लिए समग्र प्रबंधन प्रदान करते हैं।
चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब
चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब भी स्ट्रोक, MS, सेरेब्रल पाल्सी और रीढ़ की हड्डी की चोट जैसे न्यूरोलॉजिकल रोगों से पीड़ित लोगों को समग्र पुनर्वास सेवाएं प्रदान कर रहा है। यह 2016 से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काम कर रहा है और MS के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
‘मूव स्ट्रॉन्ग’ कार्यक्रम
‘मूव स्ट्रॉन्ग’ कार्यक्रम, जो 2011 से PGIMER के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा चलाया जा रहा है, का उद्देश्य MS रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और उनकी देखभाल करने वाले पेशेवरों को प्रशिक्षण देना है। यह MS और अन्य डिमायलिनेटिंग विकारों के मरीजों को एकजुट करके समर्थन समूहों का निर्माण करता है, जहां MS की स्थिति और जीवनशैली में बदलाव से इसका प्रबंधन कैसे किया जा सकता है, इस पर चर्चा की जाती है। इसमें बताया गया कि तैराकी, कार ड्राइविंग, बोकिया, टेबल टेनिस, योग, स्वयं सहायता फिजियोथेरेपी और व्यावसायिक चिकित्सा सत्र, और मस्तिष्क के खेल जैसे कई गतिविधियों में शामिल होकर खुद को संतुलित किया जा सकता है।