जोगिंदर सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 3 जून
पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में इसी सत्र से नयी शिक्षा नीति लागू होगी जबकि एफिलिएटेड कॉलेजों में अगले सत्र से नयी शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा।
इस संबंध में आज यहां एक बैठक में सीनेट ने मुहर लगा दी। इसी के साथ एक अन्य मामले में पंजाब से जुड़े 202 कालेजों को इसी साल से ऑनलाइन एडमिशन पोर्टल के जरिए करने को भी अगले साल तक टाल दिया। इसे लेकर चंडीगढ़ व पंजाब के कॉलेज टीचर और प्रबंधक लगातार विरोध कर रहे थे।
सीनेट ने एडिड कालेजों और प्राइवेट कॉलेजों के लिए शिक्षकों की नयी भर्ती के लिए बनाए गए टेंपलेट को भी कुछ शर्तों के साथ हरी झंडी दे दी है। पिछले दस साल से भी ज्यादा समय से लटके आ रहे डेंटल कॉलेज के प्रोफेसर दीपक गुप्ता की नियुक्ति के मामले को भी हरी झंडी देते हुए उन्हें कंफर्म कर दिया है।
मीटिंग से पहले जबरदस्त विरोध प्रदर्शन
सीनेट मीटिंग से ठीक पहले कई काॅलेजों के टीचर और छात्रों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया और वह मांग की कि इस साल से नयी शिक्षा नीति को लागू न किया जाए। साथ ही इसमें कुछ ऐसे छात्र भी शामिल थे जो पंजाबी को अनिवार्य भाषा के तौर पर पढ़ाने की वकालत कर रहे थे। हालांकि दो दिन पहले ही कुलपति प्रोफेसर रेनू विग ने साफ कर दिया था कि पंजाबी को अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाना जारी रखा जाएगा।
काॅलेज नयी नीति के लिए अभी तैयार नहीं
हरप्रीत दुआ, जगदीप सिंह, संदीप सीकरी, सत्य पाल जैन समेत कई सीनेटरों का मत था कि कॉलेज अभी नई शिक्षा नीति को लागू किये जाने को लेकर पूरी तरह से तैयार नहीं हैं क्योंकि पाठ्यक्रम और कुछ अन्य फ्रेमवर्क तैयार करने में अभी वक्त लगेगा। लिहाजा इसे इस सत्र के लिए स्थगित कर दिया जाए। कुलपति रेणु विग ने सबकी बातें सुनने के बाद कहा कि नयी शिक्षा नीति को इस सत्र से कैंपस में लागू कर दिया जाएगा और अगले सत्र से कॉलेजों में भी इसे लागू माना जाएगा।
हरियाणा के काॅलेजों को एफीलिएशन पर हंगामा
सीनेट की मीटिंग शुरू होते ही सबसे पहले हरियाणा के कालेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा एफीलिएशन दिए जाने के मसले पर हंगामा हो गया। उल्लेखनीय है कि इसे लेकर 1 जून को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के साथ में एक मीटिंग की थी जिसमें स्वयं कुलपति रेणु विग भी मौजूद थीं। सीनेट बैठक में कुलपति रेणु विग ने साफ किया कि इस संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है इसलिए इस संबंध में सदन में कोई आइटम नहीं लाई गई है।