मनीमाजरा (चंडीगढ़), 8 नवंबर (हप्र)
शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हुआ महापर्व छठ का 36 घंटे का निर्जला व्रत। चार दिनों के इस महापर्व का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होता है। चंडीगढ़ के सेक्टर 42, मनीमाजरा के इंदिरा कालोनी, मलोया , डड्डूमाजरा, सेक्टर 39, जुझारनगर, मौलीजागरां, विकास नगर और शहर की सभी कालोनियों व गांवों के लोगों ने अपने- अपने सरोवर पर भगवान सूर्य के साथ ही छठी मईया की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना की। सभी व्रती सूर्यदेव के निकलने से कई घंटे पहले ही पानी में खड़े हो गए तथा सूर्यदेव के उगने का इन्तजार करने लगे। इसके बाद सूर्य के उगते ही उनको जल, दूध, पान के पत्ते, सुपारी तथा नारियल से अर्घ्य दिया गया।
भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ के उपाध्यक्ष शक्ति प्रकाश देवशाली ने पूर्वांचल नवयुवक छठ सेवा समिति, न्यू स्मॉल फ्लैट मलोया द्वारा आयोजित छठ पूजा कार्यक्रम में शिरकत की । उन्होंने कहा कि सूर्य देव अंधकार को दूर करते हैं और इच्छाशक्ति, नाम, प्रसिद्धि, और अधिकार जैसे गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। सूर्य देव की आराधना करने से तेज, सकारात्मक शक्ति, यश, सौभाग्य, सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व जिला महासचिव शिलानाथ गुप्ता, सुरेश कुमार, दीनानाथ चौहान, सेवा समिति के मुकेश कुमार, गुरुदत्त प्रसाद, रामप्रवेश यादव, शैलेश सिंह एवं प्रेम सिंह उपस्थित थे।
बिहार फाउंडेशन ने किया छठ महापर्व का आयोजन
बिहार फाउंडेशन के पंजाब और चंडीगढ़ चैप्टर ने चंडीगढ़ में छठ महापर्व का आयोजन किया। सेक्टर 52 में किए गए इस पवित्र आयोजन में एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने रीति रिवाजों का पालन करते हुए श्रद्धा और उमंग के साथ लोक आस्था के महापर्व में भाग लिया। बिहार फाउंडेशन के पंजाब और चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष डॉक्टर रूपेश कुमार सिंह ने इस अवसर पर सभा को संबोधित किया और सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाए दीं। उन्होंने छठ पूजा के महत्व पर जोर दिया और इसको समुदाय के रिश्तों को मजबूत करने और इस क्षेत्र में रह रहे बिहारियों में सांस्कृतिक गर्व की भावना को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बताया। बिहार फाउंडेशन के सदस्य सुबोध कुमार सिंह, सुमंत कुमार, पल्लव कुमार, देवेंद्र कुमार और अनिल कुमार भी इस मौके पर मौजूद थे। चंडीगढ़ में छठ महापर्व का यह आयोजन बिहार समुदाय की सांस्कृतिक जीवंतता और गहरी परंपराओं का प्रमाण है। बिहार फाउंडेशन इस तरह के आयोजनों के माध्यम से सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है, जो लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ते हुए स्थानीय समुदाय के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। नहाय-खाय के अनुष्ठान के साथ शुरू हो कर तीन दिनों तक चलने वाला महापर्व छठ उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर शुक्रवारको संपन्न हो गया।