चंडीगढ़, 10 सितंबर (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ में दिनोंदिन बढ़ते कोविड-19 के मामलों के प्रति चंडीगढ़ के प्रशासक व अधिकारी बैठकों में तो चिंता जता रहे हैं पर जमीनी हकीकत इससे भिन्न है।
चंडीगढ़ प्रशासन का कोई भी कार्यालय, विभाग, निगम अथवा बोर्ड ऐसा नहीं जहां कोरोना संक्रमण के मामले न आ रहे हों। शिक्षा विभाग के तो एक अधिकारी की कोरोना से जान भी जा चुकी है। इसके बावजूद प्रशासन के अपने व संबद्ध कार्यालयों में कोरोना के प्रति गम्भीरता नहीं दिखाई देती।
शहर में करीब एक माह पहले रैपिड एंटीजन परीक्षणों (आरएटी) के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में ऑन-द-स्पॉट मोबाइल परीक्षण करने की घोषणा की थी। आज तक वह भी शुरू नहीं हुए। इस मामले से संबंधित एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनके पास चंडीगढ़ में मोबाइल परीक्षण के लिए संसाधन और कर्मचारी ही नहीं हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रशासक के सलाहकार का कहना है कि उनके पास इतने परीक्षण केंद्र/नमूना संग्रह केंद्र हैं, जो 20 मिनट में कहीं भी पहुंच सकते हैं। यह पर्याप्त हैं। हम संपर्कों का पता लगाकर परीक्षण कर रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि वे सभी लोगों पर रैपिड एंटीजन परीक्षण करेंगे। पिछले एक सप्ताह में शहर में 2000 से अधिक केस सामने आये हैं। पीजीआई निदेशक कह चुके हैं कि चंडीगढ़ में कोविड अब चरम पर है।