विवेक शर्मा
चंडीगढ़, 4 नवंबर
पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ ने चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एक सप्ताह के भीतर यहां तीन मरीजों का सफलतापूर्वक सर्बाइकल स्पाइन डिस्क प्रतिस्थापन किया गया। ऑर्थोपेडिक्स विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. विशाल कुमार के नेतृत्व में किए गए इन सर्जरी ने डीजेनेरेटिव सर्बाइकल मायलोपैथी से पीड़ित मरीजों को नई जिंदगी दी है।
इन मरीजों में 57 वर्षीय महिला और 49 व 54 वर्षीय दो पुरुष शामिल हैं, जिन्हें चलने में कठिनाई, हाथों की पकड़ में कमी और गर्दन से लेकर कंधों तक दर्द की समस्या हो रही थी। सर्जरी के बाद सभी मरीजों ने दर्द में राहत महसूस की और वे तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं।
यह उपलब्धि आयुष्मान भारत जैसी सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के माध्यम से संभव हो पाई, जिससे विभिन्न पृष्ठभूमि के मरीजों को लाभ मिला है।रीढ़ की सर्जरी में अपनी विशेषज्ञता के लिए पहचाने जाने वाले डॉ. विशाल कुमार के नाम दस से अधिक राष्ट्रीय पेटेंट और कई आविष्कार दर्ज हैं। उनका यह प्रयास पीजीआई चंडीगढ़ की हर वर्ग को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सामूहिक प्रयास के कारण मिली सफलता : प्रो. विवेक लाल
इस मौके पर PGI के निदेशक डॉ. विवेक लाल ने इस सफलता को PGI की चिकित्सकीय क्षमता और टीम के सामूहिक प्रयास का परिणाम बताया। उन्होंने डॉ. विशाल कुमार और उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा कि उनकी विशेषज्ञता ने अनगिनत मरीजों की जिंदगियों को संवारने का काम किया है। डॉ. विशाल, जिनके पास कई राष्ट्रीय पुरस्कार और दस से अधिक पेटेंट हैं, मानते हैं कि ऐसी उपलब्धियाँ उनके संकल्प को और भी सशक्त बनाती हैं, जिससे वे मरीजों की भलाई के लिए और प्रयासरत रहते हैं।
Cervical spine disc replacement surgery
एक विशेष प्रकार की सर्जरी है, जिसमें गर्दन की रीढ़ (सर्वाइकल स्पाइन) में खराब या क्षतिग्रस्त डिस्क को हटाकर उसकी जगह कृत्रिम डिस्क लगाई जाती है। यह सर्जरी उन मरीजों के लिए होती है, जिन्हें सर्वाइकल डिस्क की समस्याओं के कारण गर्दन, कंधे या हाथ में दर्द और कमजोरी का सामना करना पड़ता है। कृत्रिम डिस्क लगने से रीढ़ की प्राकृतिक गति बनी रहती है और मरीज को दर्द से राहत मिलती है।