राजमीत सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 11 नवंबर
पंजाब वन विभाग ने सुखना वाइल्डलाइफ सेंचुरी के आसपास के क्षेत्र को इको-सेेंसटिव जोन (ईएसजेड) घोषित करने की दिशा में कदम बढ़ा लिया है। विभाग ने 1 से 3 किलोमीटर तक के दायरे को ईएसजेड में शामिल करने के लिए मसौदा तैयार कर राज्य मंत्रिमंडल के पास भेजा है। इस प्रस्ताव के जरिए विभाग पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाने की योजना बना रहा है, ताकि इस महत्वपूर्ण वाइल्डलाइफ क्षेत्र की जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण किया जा सके। इस प्रस्ताव के अनुसार, विभाग एक हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से इस क्षेत्र की सीमा का निर्धारण करेगा, जिससे निर्माण गतिविधियों और अन्य बदलावों का जायजा लिया जा सके। हालांकि, प्रस्तावित ईएसजेड क्षेत्र में कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के फार्म हाउस भी हैं, लेकिन हवाई सर्वेक्षण से यह स्पष्ट होगा कि किन क्षेत्रों में निर्माण कार्य हो रहा है। पंजाब का यह कदम केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही प्रभावी होगा। इससे पहले, पंजाब ने सिर्फ 100 मीटर के दायरे को ईएसजेड घोषित करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने इसका विरोध किया, जिसके बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद, पंजाब ने इस क्षेत्र को बढ़ाकर 1 से 3 किलोमीटर तक करने का निर्णय लिया है और अब केंद्र से मंजूरी की उम्मीद है।
यह है विवाद
सुखना के आसपास ईएसजेड घोषित करने का मुद्दा कुछ साल पहले पंजाब और चंडीगढ़ के बीच विवाद का कारण बना था। पंजाब ने कंसल में टाटा कैमलॉट प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने के लिए 100 मीटर के दायरे को ईएसजेड घोषित करने की मांग की थी, लेकिन 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रोजेक्ट रद्द कर दिया था, यह कहते हुए कि इस प्रोजेक्ट से 95 पंजाब विधायकों के हित जुड़े हुए थे, जिन्हें इस प्रोजेक्ट में फ्लैट्स मिलने थे।