मनीमाजरा (चंडीगढ़), 26 सितंबर (हप्र)
नगर निगम की बैठक में शहरवासियों को 20 हजार लीटर मुफ्त पीने का पानी देेने के नाम पर बृहस्पतिवार को आप-कांग्रेस गठबंधन के मेयर और पार्षदों ने प्रस्ताव पास कर एक बार फिर शहर की राजनीति का गर्मा दिया। दिवाली गिफ्ट के नाम पर आप-कांग्रेस गठबंधन मेयर-पार्षदों ने सदन बैठक में एक लोकलुभावना प्रस्ताव पारित करा दिया। मौके पर टेबल एजेंडे के तौर पर लाए गए इस प्रस्ताव के सदन में चर्चा से पहले ही नगर निगम के आयुक्त, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह राज्यपाल के साथ बैठक का हवाला देकर सदन छोड़ कर चले गए। वहीं इस प्रस्ताव के शुरू से विरोध में रही भाजपा के अधिकतर पार्षदों ने मौके की नजाकत को देखते हुए सदन से बाहर जाना ही बेहतर समझा। सदन में इस प्रस्ताव के आने से पहले ही जब भाजपा से पार्षद और सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह संधू सदन से जाने लगे तो मेयर ने उन्हें यह कहकर टोक दिया कि कुलजीत जी आप शहर के सीनियर डिप्टी मेयर हैं। आप तो कम से कम रुकें।
पद को लेकर उत्पन्न धर्मसंकट की स्थिति में सीनियर डिप्टी मेयर के अलावा भाजपा से ही डिप्टी मेयर राजिंदर शर्मा को भी सदन में
प्रस्ताव पारित होने तक रुकना पड़ा। हालांकि इस बीच पार्टी के तरफ से नेता प्रतिपक्ष कंवरजीत सिंह राणा पहले ही उठकर सदन से बाहर चले गए।
वहीं, प्रस्ताव पारित होने तक भाजपा से ही पार्षद और पूर्व मेयर अनूप गुप्ता, सरबजीत कौर और महेश इंदर सिंह सिद्धू भी सदन की कार्यवाही पूरी होने तक रुके। हालांकि गठबंधन के पार्षदों ने सबसे पहले इस प्रस्ताव को 11 मार्च को पारित कर दिया था, तब तत्कालीन नगर प्रशासक ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था। इसलिए वह इस प्रस्ताव को दोबारा लाकर शहरवासियों को यह सुविधा 1 नवंबर से बतौर दिवाली गिफ्ट देना चाहते हैं। यह प्रस्ताव भले ही सदन में पारित हो गया लेकिन इस पर अंतिम मुहर प्रशासन के सेक्रेटी लोकल बॉडीज के हाथों में ही रहेगी।
निगम के पास पैसे नहीं, ताला लगा देना ही ठीक : राणा
बैठक में सदन में नेता प्रतिपक्ष कंवरजीत राणा ने कहा कि अगर मेयर लोगों के काम नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। इस पर आम आदमी पार्टी की पार्षद प्रेमलता ने विरोध जताया। वहीं भाजपा के पार्षद ताला लेकर सदन में पहुंचे। उन्होंने कहा कि जब नगर निगम के पास पैसे नहीं हैं और लोगों के काम ही नहीं हो रहे हैं, तो ताला लगा देना ही ठीक है। भाजपा पार्षद सौरभ जोशी ने शहर के अवैध वेंडर्स को लेकर निगम से पूछे गए 17 सवालों के जवाब मांगे । उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में उन्होंने अवैध रूप से बैठे वेंडर्स को हटाने का मामला उठाया था लेकिन निगम ने शहर भर के वैध वेंडर्स की नाक में ही दम कर दिया। जबकि अवैध वेंडर्स आज भी वहीं अपना काम करने में लगे हुए हैं ।
डॉग बाइट पर निगम को देना पड़ रहा मुआवजा
कोर्ट के आदेशों पर डॉग बाइट पर निगम को मुआवजा देना पड़ रहा है। निगम कमिश्नर और डीसी विनय प्रताप सिंह ने सदन को बताया कि एक डेथ केस में 5 लाख 20 हजार का मुआवजा देना पड़ा। हर महीने उनके पास 100 से 150 केस सामने आ रहे हैं। इसलिए अगली सदन बैठक में स्ट्रे डॉग, स्ट्रे एनिमल का विस्तृत प्रस्ताव चर्चा के लिए लाया जाएगा। सदन को निगम के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए दावा कि शहर भर में 90 प्रतिशत डॉग स्ट्रेलाइजेशन हो चुकी है।