जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 14 अक्तूबर
पंजाब विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर आज वेबिनार पर ही इसे मनाने की औपचारिकता पूरी की गई। इस बार माका (मौलाना अबुल कलाम आजाद) ट्राफी जीत कर पीयू ने अपना नाम विश्वविद्यालय खेलों के इतिहास में सुनहरी अक्षरों में लिखवा दिया। इस सफलता के पीछे खेल निदेशक परमिंदर सिंह की बड़ी भूमिका रही। इससे पहले विश्वविद्यालय स्तरीय ‘खेलो इंडिया’ में भी पीयू को देशभर में पहला स्थान मिला। तत्कालीन कुलपति प्रो. अरुण ग्रोवर ने प्रस्ताव रखा कि सिंडिकेट-सीनेट डॉ. परमिंदर सिंह का नाम इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये ‘चांसलर कमेंडेशन सर्टीफिकेट’ सम्मान के लिये रिकमेंड करके भेजा जाए। उन्होंने डीयूआई, फैकल्टी, डीन रिसर्च, सीओई, रजिस्ट्रार, एफडीओ और लाइब्रेरियन आदि के लिये भी इसी तरह के सम्मान दिये जाने की वकालत की। प्रो. ग्रोवर ने इस अवसर पर कहा कि इस सम्मान की शुरुआत डॉ. परमिंदर से की जाये और 2020 के लिये मरणोपरांत पहला सम्मान उनके परिवार को दिया जाये।
कुलपति ने की फैकल्टी, स्कॉलरों की सराहना
पंजाब विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर कुलपति प्रो. राजकुमार ने पीयू की फैकल्टी, रिसर्च स्कॉलरों, छात्रों और स्टाफ द्वारा की जा रही कड़ी मेहनत और उसके बूते हासिल की गयी उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा है कि नवाचार में अखिल भारतीय स्तर पर रैंकिंग में दूसरा स्थान पाना, टाइम्स हायर की रैंकिंग में चौथी रैंक ब्रैकेट वाकई बड़ी उपलब्धियां हैं। उन्होंने शैक्षणिक मोर्चे पर 800 से अधिक वेबिनार, कार्यशालाएं आदि कराने को भी एक अचीवमेंट बताया।