मनीमाजरा (चंडीगढ़), 30 नवंबर (हप्र)
अंतरराष्ट्रीय सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ और राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद (एनआरएससी) सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सदस्य डॉ. कमल सोई ने पंजाब के मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में पंजाब में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को लेकर गहरी चिंता जताई है और उनसे इस मामले में उचित कदम उठाने की अपील की है।
डॉ. सोई ने गत दिवस यहां कहा कि उन्होंने यह पत्र 13 अक्तूबर को लिखा जिसे पंजाब के मुख्यमंत्री ने उसी दिन सचिव परिवहन, पंजाब को उचित कार्यवाही के लिए भेज दिया परंतु परिवहन विभाग द्वारा आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। डॉ सोई ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार मैसर्स स्मार्ट चिप से मिली हुई है जो पंजाब में 2016 से स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक (एडीटीटी) चला रही है।
डा. सोई ने आंकड़े सांझा करते हुए बताया कि सड़क हादसों के मामले में देश में पंजाब तीसरा सबसे खतरनाक राज्य है और इसमें लुधियाना नंबर एक पर है। पंजाब में पुराने हो चुके स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर हर साल 7 लाख से ज्यादा लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब परिवहन विभाग द्वारा 32 स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्ट के लिए अप्रचलित और पुराने ड्राइविंग कौशल परीक्षण समाधानों का उपयोग किया जा रहा है, परिणामस्वरूप अकुशल और अयोग्य ड्राइवरों को भी ड्राइविंग लाइसेंस दिए जा रहे हैं जो पंजाब में सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण बन रहे हैं।