मनीमाजरा (चंडीगढ़), 9 सितंबर (हप्र)
पंजाब कला भवन, सेक्टर 16 में प्रसिद्ध कवि दीपक शर्मा चनारथल की हिंदी में अनुवाद पुस्तक ‘किस मिट्टी की बनी थी ये वीरांगनाएं’ का विमोचन व चर्चा हुई। पुस्तक के मूल लेखक सुखदेव राम सुक्खी (तंदाबध्या) हैं। समारोह में दीपक शर्मा चनारथल, सुखदेव राम सुक्खी, डा. वनीता, गुरनाम कंवर, सुशील दुसांझ, प्रेम विज, केके शारदा, सीमा गुप्ता, बलकार सिद्धू, भूपिंदर मलिक, अनु शर्मा और राजरानी शामिल थे। हिंदी लेखिका सीमा गुप्ता ने कहा कि यह पुस्तक नारियों के संकल्प की बात करती है। केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा के जनरल सचिव सुशील दोसांझ ने कहा कि अच्छा अनुवाद किसी रचना का पुनर्सृजन होता है। प्रसिद्ध अनुवादक गुरनाम कंवर ने कहा कि यह तथ्यों पर आधारित एक ऐतिहासिक दस्तावेज है। मूल लेखक सुखदेव राम सुक्खी ने कहा कि इस बात का खास उल्लेख हुआ कि शहीदों के परिवारों ने कितने दुख सहन किए।
विशेष अतिथि प्रेम विज ने कहा कि अनुवाद का कार्य सरल नहीं होता। प्रसिद्ध समाजसेवी केके शारदा ने पुस्तक की खूब प्रशंसा की। लोकनाथ शर्मा और डा. राजिंदर सिंह दोस्त ने लेखक के अध्ययन को उच्च कोटि का बताया। सिमरनजीत ग्रेवाल ने दीपक चनारथल के व्यक्तित्व पर एक गीत पेश किया। अध्यक्षीय भाषण में प्रसिद्ध चिंतक और भारतीय साहित्य अकादमी की पूर्व कनवीनर डा. वनीता ने कहा कि एक पुस्तक से दूसरी पुस्तक जन्म लेती है। समारोह में रेखा मित्तल, मनजीत कौर मीत, वरिंदर चड्ढा, हरबंस सोढ़ी, जिम्मी वशिष्ठ, विजय कपूर, बबीता कपूर, अशोक नादिर, एमएन जुनेजा, डा. अनीश कपूर, पाल अजनबी, सुधा मेहता, जतिन सलवान, रेणुका सलवान आदि उपस्थित थे।