पंचकूला, 21 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर संस्कृत भारती अम्बाला विभाग द्वारा ऑनलाईन व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया जिसका मुख्य विषय संस्कृते: मूलं संस्कृतम् अर्थात संस्कृति का मूल संस्कृत था। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा विधानसभाध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि संस्कृत मात्र भाषा नहीं है अपितु यह भारतीय सभ्यता और संस्कृति का आधार है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार संस्कृत के विकास और पुनरुत्थान के लिए निरन्तर प्रयासरत है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ़ शीतांशु त्रिपाठी ने भी कहा कि संस्कृत के जीवित रहने पर ही संस्कृति जीवित रह सकती है।
कार्यक्रम संयोजक डॉ़ सुमन ने मुख्यातिथि, मुख्यवक्ता तथा उपस्थित सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन गुरजीत प्रजापति ने किया। इस अवसर पर संस्कृत भारती हरियाणा के प्रांत संगठन मंत्री डॉ़ जोगिंदर सिंह, उपाध्यक्ष डॉ़ जितेंद्र कुमार, प्रमोद शास्त्री,डॉ़ दिनेश शास्त्री, ईशम सिंह, डॉ़ उषा शर्मा व लाभ फतेहपुरी आदि उपस्थित रहे।