मोहाली, 6 अक्तूबर (हप्र)
उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अमित गुप्ता ने रविवार को डेराबस्सी उपमंडल के बहोरा, बहोरी, करकौर, बिराहिमपुर और परागपुर गांवों का दौरा किया और किसानों से पराली को आग लगाए बिना उसका निपटान करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने निजी सब्सिडी के आधार पर कस्टम हायरिंग समूहों, सहकारी समितियों और किसानों को बड़े पैमाने पर पराली प्रबंधन मशीनरी प्रदान की है, जिसके उपयोग से खेतों के अंदर और बाहर दोनों जगह पराली प्रबंधन तकनीकों का रखरखाव किया जा सकता है उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी उन्हें मशीनरी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं, इसलिए वे उनकी मदद से मशीनरी की आपूर्ति कर सकते हैं। सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट, देश की सर्वोच्च अदालत, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (एनसीआर और आसपास के क्षेत्र) द्वारा पारित सख्त आदेशों के मद्देनजर पराली जलाना एक कानूनी अपराध है। जिससे उसे पर्यावरणीय मुआवजा देने के साथ-साथ राजस्व रिकॉर्ड में ‘रेड एंट्री’ जैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, जलाने से पर्यावरण के साथ-साथ मानव जीवन, जानवरों और पक्षियों के जीवन, मित्र कीड़ों और वनस्पतियों को नुकसान होता है, इसलिए मशीनरी के माध्यम से पराली को जलाए बिना निपटान करना सार्वजनिक हित में है।
इस अवसर पर उनके कृषि पदाधिकारी डाॅ.दानिश ने किसानों को बिना जलाए पराली प्रबंधन से भूमि को होने वाले लाभ और पराली निस्तारण के लिए उपलब्ध बेलर और अन्य मशीनरी के बारे में जानकारी दी।