राजीव तनेजा/हप्र
चंडीगढ़, 15 सितंबर
पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों और दिल्ली पुलिस से तालमेल करते हुए चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले के दूसरे आरोपी को 72 घंटों के भीतर गिरफ्तार कर लिया है।
मामले की जांच के दौरान यह सामने आया है कि अमेरिका आधारित गैंगस्टर हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासीया, जो पाकिस्तान-आधारित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और आईएसआई के निर्देश पर काम कर रहा था, ने घटना को अंजाम देने के लिए आरोपियों को विस्फोटक सामग्री, हथियार और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की और फिर वादे के अनुसार उन्हें काम के बाद वित्तीय मदद देने से इनकार कर दिया।
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी कि विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सुरागों के आधार पर दूसरे आरोपी विशाल मसीह, निवासी गांव रायमल, नजदीक ध्यानपुर, थाना कोटली सूरत मलियां, बटाला, जिला गुरदासपुर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि बुधवार शाम को चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में दो व्यक्तियों द्वारा उक्त ग्रेनेड हमला किया गया था, जिसके बाद पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को एक आरोपी रोहन मसीह को हथियारों और गोलियों के साथ गिरफ्तार कर लिया था। रोहन मसीह इस समय स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी), अमृतसर के पास रिमांड पर है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जांच में यह सामने आया है कि हैप्पी पासीया ने पंजाब में अपने साथियों के माध्यम से आरोपियों को विस्फोटक सामग्री, हथियार और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की और उनके लिए कुछ वित्तीय सहायता की भी व्यवस्था की। उन्होंने बताया कि अपराध को अंजाम देने के बाद, दोनों आरोपी अमृतसर गए, जहां से दोनों ने अपने रास्ते अलग कर लिए। उन्होंने बताया कि विशाल पहले जम्मू-कश्मीर गया और वहां से दिल्ली चला गया, जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
उन्होंने आगे बताया कि जांच में यह भी सामने आया है कि हैप्पी पासीया ने घटना को अंजाम देने वाले व्यक्तियों को भ्रमित करने के लिए शुरुआत में कुछ फंड प्रदान किए और उनके साथ घटना को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद और अधिक पैसे देने का वादा किया था।
उन्होंने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपियों ने हैप्पी पासीया द्वारा किए गए वादे के अनुसार और पैसे लेने के लिए उससे संपर्क किया, लेकिन उन्हें हैप्पी पासीया से केवल बहाने मिले और बाद में उसने उनका फोन उठाना भी बंद कर दिया।