मोहाली (हप्र )
तंबाकू वैश्विक स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों में से एक बना हुआ है, जो सालाना 8 मिलियन से अधिक लोगों की जान लेता है। हानिकारक प्रभाव धूम्रपान करने वालों से भी आगे तक फैला हुआ है, जिससे लगभग 1.3 मिलियन नॉन स्मोकर लोग प्रभावित होते हैं। मैक्स अस्पताल के सीनियर डायरेक्टर पल्मोनोलॉजी डॉ. दीपक भसीन ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसे रोकने के ठोस प्रयासों के बावजूद तंबाकू का उपयोग जारी है। दुनिया के 1.3 अरब तंबाकू उपयोगकर्ताओं में से लगभग 80% निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि तंबाकू का उपयोग विनाशकारी स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभावों के साथ दुनिया भर में रोकी जा सकने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है। यह जरूरी है कि हम तंबाकू के सेवन से जुड़े गंभीर खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि भारत में धूम्रपान हर साल लगभग 10 लाख लोगों की जान लेता है, वयस्क पुरुषों में इसकी व्यापकता चिंताजनक है।