जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 12 नवंबर
केंद्र सरकार जीएसटी में कुछ ढांचागत बदलाव लाये जिससे कि उन राज्यों की अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल सके जो प्रॉडक्टिव स्टेट हैं, कभी अग्रणी राज्यों में शुमार रहे पंजाब जैसे राज्य आज यूपी, बिहार से भी पिछड़ रहे हैे। जीएसटी के आने से पंजाब के रेवेन्यू में भारी कमी आयी है। यह बात आज यहां पंजाब विश्वविद्यालय में पंजाबी वर्ल्ड मिशन द्वारा आयोजित कान्क्लेव ‘पंजाब विजन 2047’ में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कही। यह दो दिवसीय कॉन्क्लेव पंजाब विकास आयोग और पीयू के सहयोग से वर्ल्ड पंजाबी आर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
चीमा ने कहा कि जीएसटी के बाद परचेज टैक्स बंद होने से पंजाब को 5 से 7 हजार करोड़ का घाटा हो गया। कर्नाटक, केरल और पंजाब जैसे राज्यों को जीएसटी का कोई खास लाभ नहीं मिला। इसलिये इसमें कुछ बदलाव लाये जाने आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि 1980 के बाद 15-20 साल आतंकवाद के चलते पंजाब डिरेल हो गया और बाद के 25-30 सालों में नीतियां अच्छे तरीके से काम नहीं कर पायीं। अब नई नीतियां लाकर राज्य को पटरी पर लाया जा रहा है और 2047 तक पंजाब एक बार फिर बुलंदियों पर होगा।
समारोह में आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब को विकसित पंजाब बनाने के लिये पानी की हर बूंद को संरक्षित करना होगा। राघव चड्ढा ने पंजाब 2047 को प्राप्त करने के लिए रोड मैप प्रदान करने के लिए दस सूत्रीय एजेंडा सूचीबद्ध किया। उन्होंने उन विषयगत क्षेत्रों को भी सूचीबद्ध किया जिन पर राज्य की समृद्धि के लिए ध्यान देने की आवश्यकता है। 2047 तक इंडस्ट्री को डेवलप करना होगा, जिसके लिये जॉब के मौके बढ़ाने होंगे और स्किल्ड लोगों को तैयार करना होगा। शिक्षा प्रणाली में रट्टा सिस्टम को छोड़ना होगा और रिसर्च व इनोवेशन पर जोर देना होगा। ग्रीन एनर्जी खासतौर से सोलर एनर्जी पर फोकस करना होगा ताकि स्वच्छ हवा और पानी मिल सके। इन्फ्रास्ट्रक्चर यानी सड़क-ट्रेन और वायु मार्ग से कनेक्टिविटी को बढ़ाना होगा। हेल्थ सेनिटेशन जिसमें नल से स्वच्छ जल और जनसेवा, स्वच्छता के साथ गुड गवर्नेंस देनी होगी जिसमें हर किसी को न्याय मिल सके। आंत्रप्रिन्योरशिप को बढ़ावा देना होगा और लगातार होते जा रहे जलवायु परिवर्तन के चलते आपदा प्रबंधन करना होगा।
कुलपति प्रो. रेनू विग ने कहा कि कभी पंजाब हरित क्रांति का अगुवा था लेकिन आज युवा देश के विभिन्न भागों बंगलौर, गुड़गांव और मुबंई के अलावा विदेशों में जा रहा है। यहां पर रोजगार के अवसर न होने के कारण युवा पलायन कर रहा है। आज पंजाब को इंडस्ट्रियल हब बनाये जाने की जरूरत है जिसके लिये वर्ल्ड क्लास शिक्षण संस्थान बनाये जाने भी आवश्यक हैं। इसके लिये विजनरी लीडर्स होने आवश्यक हैं।
राज्यसभा सांसद डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि पंजाब में सतत आर्थिक विकास और सांस्कृतिक कायाकल्प के युग की शुरुआत करने की पूरी क्षमता है। हमारे पास समृद्धि की दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए जनसांख्यिकी, पारिस्थितिक संसाधन और साथ ही हमारे अतीत का ज्ञान है। उन्होंने प्रदेश का स्वॉट एनालिसिस करने पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे पास इस सम्मेलन के दौरान कई विशेषज्ञ आएंगे और अपने विचार साझा करेंगे और हमें प्रत्येक क्षेत्र के लिए एक श्वेत पत्र लाने की जरूरत है, चाहे वह खेती हो, अर्थव्यवस्था हो या सांस्कृतिक विरासत हो।
पीयू रजिस्ट्रार प्रो. वाईपी वर्मा ने कहा, ‘यह पीयू के लिए सम्मान की बात है कि नीति निर्माता, विशेषज्ञ और हितधारक ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर विचार-विमर्श कर रहे हैं जो दिशा और दशा को बदलने में मदद करेगा।’ उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि पंजाब विजन 2047 दूर की आकांक्षा में नहीं रहेगा, बल्कि विकास, स्थिरता और समावेशन के नए मानक स्थापित करते हुए एक वास्तविकता भी बन जाएगा। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान दो दिवसीय सम्मेलन के समापन दिवस पर सम्मेलन को बुधवार को संबोधित करने वाले हैं।
सीनेट चुनाव न कराना लोकतंत्र पर हमला
हरपाल चीमा ने सीनेट के चुनाव न कराये जाने पर कहा कि केंद्र की ओर से यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है। कई राजनीतिक दल धरने पर बैठे छात्रों का लगातार समर्थन करने आ रहे हैं लेकिन अभी तक पीयू प्रशासन या सरकार की ओर से इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि सांसद मालविंदर सिंह कंग सहित पंजाब के सांसद 25 नवंबर से शुरू होने जा रहे संसद सत्र में इसे उठायेंगे। चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार कई मसलों पर पंजाब के साथ धक्का कर रही है। पाकिस्तान द्वारा शहीद-ए-आजम भगत सिंह को एक आतंकी ठहरा कर उनकी मूर्ति लगाये जाने का विरोध करने पर पंजाब के मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि उनका क्या योगदान है। किसी दुश्मन देश के कहने से क्या होता है। भगत सिंह हमारे आदर्श हैं, महान क्रांतिकारी हैं।