मनीमाजरा (चंडीगढ़), 22 जून (हप्र)
पिछले कई वर्षों से चंडीगढ़ के उद्योगपतियों को आ रही विभिन्न समस्याओं का निवारण एमएसएमई को पूर्ण रूप से लागू किए जाने के उपरान्त किया जा सकता है। इसके लिए एक बार फिर केंद्र सरकार से बात करके समाधान निकालने का प्रयास किया जायेगा, ताकि उद्योगपतियों की समस्याओं का जड़ से समाधान हो सके। यह दावा शनिवार को लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने चंडीगढ़ में लघु उद्योग भारती चंडीगढ़ के कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक में संबोधित करते हुए किया। इस दौरान उनके साथ लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरविन्द धूमल, लघु उद्योग भारती चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष अवि भसीन, कोषाध्यक्ष संजीव मोंगिया, उपाध्यक्ष सुनील खेत्रपाल, संजीव गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अक्षय चुग व अन्य कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे। इस मौके पर लघु उद्योग भारती चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष अवि भसीन व उपाध्यक्ष सुनील खेत्रपाल ने बताया कि पिछले कई वर्षों से चंडीगढ़ का उद्योग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है, जिसके लिए वे कई मर्तबा प्रशासन व गवर्नर को भी अवगत करवा चुके हैं, लेकिन इस समस्या का कोई भी निवारण नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई एक्ट तथा कन्वर्जन पॉलिसी के साथ कई अन्य गंभीर मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई एक्ट 2006 को पार्लियामेंट में मान्यता मिल गई है, लेकिन चंडीगढ़ में आधा अधूरा लागू हुआ है। एमएसएमई यदि पूर्ण रूप से लागू होता है तो 90 प्रतिशत समस्याएं ठीक हो जाएंगी और व्यापार फिर से पटड़ी पर आ जाएगा।
अवि भसीन ने कहा कि लीज होल्ड से फ्री होल्ड एक लम्बित पड़ा हुआ मुद्दा है । यदि यह पॉलिसी आ जाती है तो इससे नये स्टार्टअप, नये व्यापार में निवेश बढ़ेगा जिससे शहर को एक पहचान मिलेगी और प्रशासन को राजस्व मिलेगा । उन्होंने बताया कि 2019 की इंडस्ट्रियल पॉलिसी के अंर्तगत प्रशासन बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) पॉलिसी लेकर आया जिससे व्यापारी वर्ग को बहुत ही नुकसान उठाना पड़ा।