चंडीगढ़, 2 जून (ट्रिन्यू)
इस साल 8 मार्च को पीजीआई द्वारा शुरू की गई कैशलेस हिमकेयर योजना की पहल हिमाचल प्रदेश के मरीजों के लिए वरदान साबित हुई है। इसके शुरू होने के बाद से 1512 रोगियों को 7,88,01,993.00 रुपये की आवश्यक चिकित्सा सेवाएं प्राप्त हुई हैं। यह जानकारी देते हुए पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कहा कि पीजीआई उन अग्रणी पहलों के लिए प्रतिबद्ध है जो स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाती हैं। कैशलेस हिमकेयर पहल की सफलता हमारी चिकित्सा और प्रशासनिक टीमों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है। कैशलेस प्रणाली में परिवर्तन ने रोगियों पर वित्तीय तनाव को काफी कम कर दिया है, जिससे उन्हें केवल अपनी वसूली पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति मिली है। यह खुशी की बात है कि 65 दिनों की छोटी अवधि के भीतर 1500 से अधिक रोगियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं।
पीजीआई के उप निदेशक (प्रशासन) पंकज राय ने बताया कि हिमाचल प्रदेश से प्रति वर्ष औसतन 4,000 मरीज पीजीआई में इस योजना के तहत इलाज का लाभ उठाते हैं। हिमकेयर को कैशलेस बनाकर पीजीआई ने मरीजों पर तत्काल वित्तीय बोझ को कम कर दिया है, जिसकी बाद में प्रतिपूर्ति की जाती है और इस प्रकार यह आयुष्मान भारत योजना की संरचना को प्रतिबिंबित करता है। इस महत्वपूर्ण कदम ने मरीजों को पहले से धन की व्यवस्था करने और बाद में लंबी प्रतिपूर्ति प्रक्रिया से गुजरने की परेशानी से बचा लिया है। परिणामस्वरूप इस पहल ने समय पर और निर्बाध चिकित्सा उपचार सुनिश्चित किया है, जिससे रोगी के परिणामों और संतुष्टि में काफी सुधार हुआ है। पीजीआई के अस्पताल प्रशासन विभाग के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल ने बताया कि कैशलेस हिमकेयर योजना के विस्तार ने हमें अधिक रोगियों तक पहुंचने की अनुमति दी है, जिससे उन्हें वित्तीय बाधाओं के बिना उनकी देखभाल की आवश्यकता होती है। अब, मरीजों को प्रतिपूर्ति के लिए उपचार अनुमान प्रमाण-पत्र या बिल प्राप्त करने और जमा करने की आवश्यकता नहीं है। पीजीआई में कैशलेस उपचार सुविधा का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को काउंटर पर केवल हिमकेयर कार्ड जमा करना होगा। हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार पूर्व-निर्धारित पैकेज दरों के आधार पर पीजीआईएमईआर को राशि की प्रतिपूर्ति करेगी।
रोगियों ने भी की जमकर तारीफ
हिमकेयर योजना के तहत रोगियों ने भी इस पहल की सराहना की है। सोलन के 62 वर्षीय बालकिशन ने कहा, कैशलेस हिमकेयर कार्यक्रम का लाभार्थी बनना उके लिए जीवनरक्षक से कम नहीं है। सिरमौर की 60 वर्षीय मेहंदी देवी ने सभी लाभार्थियों की भावना को दोहराते हुए कहा कि यह सिर्फ सुविधा के बारे में नहीं है; यह जीवन बचाने के बारे में है। देशराज निवासी सुंदर नगर ने भी हिमकेयर कैशलेस योजना की सराहना करते हुए कहा कि मेरी 8 महीने की बेटी प्रत्यूषा लीवर कैंसर से पीड़ित है और चिंतित थी कि उसे पीजीआई में इलाज कैसे मिलेगा। कैशलेस हिमकेयर योजना के तहत इलाज मिलने के लिए वह हिमाचल सरकार के साथ-साथ पीजीआई के भी आभारी हैं। मरीज मुनीष कुमार की बहन अंजू बाला पीजीआई और हिमाचल सरकार का धन्यवाद करते हुए कहती हैं कि उनका भाई मुनीष कुमार एक महीने तक पीजीआई में भर्ती रहा और इलाज का पूरा खर्च हिमकेयर योजना द्वारा वहन किया गया है। कांगड़ा के नितिन कुमार पुत्र लेख राम का कहना है कि एच.पी. द्वारा प्रदान की जाने वाली कैशलेस हिमकेयर सेवा। इलाज के दौरान सरकार ने बहुत मदद की।