पंचकूला, 25 सितंबर (हप्र)
शिवालिक विकास मंच प्रदेश अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर हाउसिंग बोर्ड पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति लिए बिना ही बाढ़ के लिए अति संवेदनशील मानी जाने वाली कौशल्या नदी में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन फ्लैटों को बचाने के लिए नदी में कंक्रीट की मजबूत सुरक्षा दीवार (रिटेनिंग वॉल) का निर्माण कर दिया गया जिससे नदी के पानी का रुख मुड़कर सूरजपुर, रामपुर सियूडी की लेबर कॉलोनी, चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे और अमरावती की ओर मुड़ गया। जिसकी जांच की जानी चाहिए। बंसल ने आरोप लगाते कहा कि गत जुलाई और अगस्त माह में भारी बारिश से पिंजौर की कौशल्या नदी में आई भीषण बाढ़ के बाद कौशल्या डैम के फ्लड गेट खोलने पड़े जिससे सूरजपुर लेबर कालोनी, अमरावती कालोनी, नेशनल हाईवे को भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान की सबसे बड़ी वजह रही कौशल्या डैम के फ्लड गेट के एक दम बिल्कुल सामने बनी एक निजी कॉलोनी में हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाए गए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 240 फ्लैटों को बाढ़ से बचाने के लिए बनाई गई कंक्रीट की मजबूत सुरक्षा दीवार बनी। भारी मात्रा में आए पानी से न केवल लेबर कॉलोनी के दर्जनों मकान पानी में बह गए बल्कि एक युवक भी पानी में बह गया, 100 से अधिक लोग बेघर हो गए, चंडीगढ़- शिमला नेशनल हाईवे की सर्विस लेन टूट गई।