चंडीगढ़, 28 मार्च (नस)
चंडीगढ़ में नये वित्त वर्ष की शुरूआत में पानी के रेट बढ़ना तय हो गया है। शहर के लोगों को अगला पानी का बिल बढ़ी हुई दर के साथ देना होगा। प्रशासन की तरफ से पिछले एक साल से लगाई गई रोक वित्त वर्ष की शुरूआत में हटा दी जाएगी। पानी के रेट में 1 अप्रैल से करीब डेढ़ प्रतिशत की वृद्धि होने के आसार हैं। सोमवार को प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल की अध्यक्षता में संयुक्त बैठक हुई, जिसमें मेयर, गृह सचिव, निगम आयुक्त सहित निगम के तमाम पार्षदों, भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के नेता व अधिकारी मौजूद थे। हालांकि बैठक में कांग्रेस व आप पार्टी के पार्षदों ने पानी के रेट में वृद्धि किए जाने संबंधी फैसले का विरोध किया और रेट पर रोक जारी रखने की मांग की।
सूत्रों के मुताबिक प्रशासन पानी के रेट में डेढ़ प्रतिशत की वृद्धि करने की तैयारी में हैं जबकि पार्षदों का कहना है कि इस मुद्दे को 29 मार्च को नगर निगम के हाउस में होने वाली बैठक में उठाया जाना चाहिए। कांग्रेस, आप और भाजपा के प्रमुख व वरिष्ठ नेता मौजूद थे। कांग्रेस और आप पार्टियों के नेताअों व मौजूद पार्षदों ने फैसले का विरोध करते हुए कहा कि प्रशासन पानी के रेट बढ़ाने की जिद पर अड़ा हुआ है। वहीं भाजपा प्रशासन के इस फैसले का समर्थन करती दिखाई दे रही है। आप के नव नियुक्त पार्षदों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि पिछले साल सदन में जिस समय पानी के रेट बढ़ाने के निगम के फैसले के बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए प्रशासक के पास भेज दिया गया था। अब जबकि सदन के वार्डों की संख्या बढ़कर 35 हो चुकी है, इसलिए पार्षदों व जन प्रतिनिधियों की राय जानना बेहद जरूरी है। आप पार्टी ने सलाहकार से मांग की कि पानी के रेट में हर साल वृद्धि की जानी चाहिए ना कि एक साथ रेट में बढ़ोतरी करनी चाहिए।
हाउस में हो चर्चा: कांग्रेस
चंडीगढ़ मेयर काे घेरते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने कहा कि आज पानी के रेट बढ़ाने के फैसले को प्रशासन ने वापस नहीं लिया है। जबकि भाजपा ने अचानक यू टर्न लेते हुए प्रशासन के इस फैसले को सही ठहराया। इस दौरान मेयर ने चुप्पी साधे रखी। चावला ने कहा कि पानी के रेट को बढ़ाने या घटाने का फैसला निगम के हाउस का है, इस लिए इस मुददे पर हाउस में चर्चा होनी चाहिए।
निगम हाउस में हंमागे के आसार
नगर निगम की मंगलवार को होने वाले सदन की बैठक में पानी की दर बढ़ाने के फैसले पर हंगामा हो सकता है। आप व कांग्रेसी पार्षदों द्वारा विरोध जताया जा सकता है। आप अध्यक्ष प्रेम गर्ग का कहना है कि पानी के रेट का फैसला निगम के हाउस में लेना चाहिए क्योंकि प्रस्ताव निगम की तरफ से प्रशासक के पास भेजा गया था। गर्ग ने कहा कि लोगों को पानी की बढ़ी हुई दर के बाद सीवरेज और गारबेज चार्ज देना होगा।