चंडीगढ़, 8 मार्च (ट्रिन्यू)
प्रभावी संचार सफलता की कुंजी है और अच्छे संचार कौशल के बिना किसी भी क्षेत्र में सफलता मुश्किल है। मौखिक और लिखित संचार दोनों में महारत समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। यह बात मोटिवेशनल स्पीकर, लेखक और पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक अत्रे ने रविवार को पब्लिक रिलेशंस काैंसिल ऑफ इंडिया से संबद्ध शूलिनी यूनिवर्सिटी के यंग कम्युनिकेटर्स क्लब द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कही। वेबिनार का विषय ‘सोशल मीडिया युग में संचार’ था।
अत्रे ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि संचार के हमेशा विकसित और बदलते माध्यमों के बावजूद ‘हम सभी को प्रभावी संचारक बनने के लिए आवश्यक कौशल को विकसित करने की आवश्यकता है’। व्यक्तिगत कहानियों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि संचार ऑफ़लाइन से ऑनलाइन कैसे हुआ और उसके परिणाम क्या थे? उन्होंने रचनात्मक संचार साधनों पर विस्तार से चर्चा की जिसमें शब्दों की पसंद, शब्दावली, मॉड्यूलेशन, बॉडी लैंग्वेज, दृष्टिकोण और सबसे महत्वपूर्ण आत्मविश्वास शामिल हैं। स्मार्ट संचार की अवधारणा को भी चर्चा के दौरान स्पष्ट किया गया। आधुनिकीकरण के आगमन और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, सोशल मीडिया ने इस दुनिया पर कब्जा कर लिया है। विवेक अत्रे ने कहा कि सोशल मीडिया में शिष्टाचार का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। ‘दुनिया तेजी से बदल रही है, हर कोई हर किसी के साथ जुड़ा हुआ है और इसलिए हम जो सोशल मीडिया पर पोस्ट वह बहुत सावधानी के साथ लिखना जरूरी है।’
क्लब सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए अत्रे ने कहा कि आप किस भाषा में बोलते हैं वह मायने नहीं रखता है, लेकिन उस भाषा को अच्छी तरह से समझना मायने रखता है। इस मौके पर विपिन पब्बी, निदेशक पीआरसीआई वाईसीसी और रंजना ठाकुर संकाय समन्वयक शूलिनी विवि भी मौजूद थे। पूर्वी भूषण ने सोशल मीडिया मैनेजमेंट, पब्लिक रिलेशंस, लॉजिस्टिक्स, डिजाइन और कंटेंट-अलग-अलग कार्यों और कर्तव्यों को पूरा करने के लिए पांच टीमों के गठन के बारे में संपूर्ण जानकारी दी। एमएससी माइक्रोबायोलॉजी की छात्रा भावना शर्मा और बीबीए की छात्रा श्रेया महाजन ने सर्वश्रेष्ठ लोगो और टैगलाइन प्रतियोगिताओं के लिए पुरस्कार जीते।