मुकेश जादौन
दुनिया में जितने भी आविष्कार हुए, किसी की सोच का नतीजा थे, एक सामान्य सोच नहीं बल्कि एक बड़ी सोच के कारण। व्यक्ति बड़ा तभी बनता है जब उसकी सोच बड़ी होती है। दुनिया में तीन तरह के लोग हैं, पहला बहुत सफल और अमीर, दूसरे मिडल क्लास जो न अमीर हैं और न गरीब और तीसरे में गरीब लोग आते हैं। एक आदमी बड़ा और सफल अपनी बड़ी सोच के कारण से बड़ा बनता है। सामान्य सोच के कारण एक सामान्य आदमी सामान्य ही बना रहता है। असल में छोटी सोच पैदा होती है डर से, काम टालने से, बिना लक्ष्य के जिंदगी गुज़ारने से।
कुछ बातें महत्वपूर्ण हैं, सोच के परिप्रेक्ष्य में। यदि आप अपने आप को बदलना चाहते हैं और आगे बढ़ना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपनी सोच बदलनी होगी। सोच बड़ी करनी होगी। बड़ी सोच वाले व्यक्ति को आप छोटा-सा काम भी दें तो वह उसका बड़ा परिदृश्य बनाएगा जबकि छोटी सोच वाला आगे ही नहीं बढ़ेगा। जब आप बड़ा सोचते हैं तो आपके सामने अवसर भी बड़े आते हैं। बड़ी सोच वाला व्यक्ति हालात से हार नहीं मानता। बड़ी सोच और अपने ऊपर विश्वास किसी भी सफलता के लिए बहुत जरूरी है। बड़ा करना मुश्किल नहीं है, बल्कि बड़ा सोचना मुश्किल है। यह सोचो कि काम महत्वपूर्ण है– जिस काम को आप कर रहे हैं वो आपकी सोच का ही नतीजा है।
बड़ी सोच से व्यक्ति अपने आप को बदल सकता है। भले ही दो व्यक्तियों की शिक्षा, माहौल, परिवार समान हों परन्तु उनकी सोच में अंतर होता है। भले ही एक व्यक्ति उच्च शिक्षा और अच्छे माहौल से हो परन्तु उसकी सोच छोटी है तो वो सफल नहीं हो सकता और भले ही एक व्यक्ति अच्छी शिक्षा हासिल न कर पाया हो और उसे माहौल भी अच्छा न मिला हो पर अपनी बड़ी सोच के कारण वह एक बड़ी सफलता हासिल कर लेता है। जब सोचना ही है तो बड़ा क्यों न सोचा जाये। जब बड़ा सोचेंगे तो बड़े कदम बढ़ेंगे, बड़े कदमों के लिए हमारा मार्ग भी वैसा ही होगा।
कई मामलों में हम देखते हैं कि जिसकी सोच बड़ी होती है, उसके कदम भी उसी तरह से बढ़ते हैं। यानी सफलता की ओर। सफलता को आंकने के पैमाने अलग-अलग हो सकते हैं। इस तरह बड़ी सोच द्वारा आप एक खुशियों भरा सफल जीवन बिता सकते हैं। बड़ा लक्ष्य सोचो और बड़ी सफलता हासिल करो।
साभार : जिंदगी वाउ डॉट कॉम