आलोक पुराणिक
जिसका जो रोल है, वह उस रोल में काम नहीं कर रहा है। पेजर का काम होता है संदेश देना और संदेश लेना। लेबनान में पेजर फट गये। पेजर फट रहे हैं, कल को मोबाइल भी फट सकते हैं। बच्चे दिनभर चिपके रहते हैं, मोबाइल से, बच्चे क्या, बड़े भी चिपके रहते हैं मोबाइल से। उन्हें डराया जा सकता है कि खबरदार मोबाइल फट सकता है। डर से काम कराया जा सकता है, पर एक हद तक।
क्या-क्या हो रहा है। सब फट रहा है, बस वह नागिन चल रही है, जो सैकड़ों सीरियलों में आ चुकी है।
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की बात चल रही है। पांच साल में एक बार इलेक्शन हों, तो झूठ की मात्रा में कमी आ सकती है। अभी नेताओं को बहुत झूठ बोलना पड़ता है। लोकसभा चुनाव का झूठ अलग, विधानसभा चुनाव का झूठ अलग। फिर लोकल नगर निगम वगैरह के चुनावों का झूठ अलग। पूरे देश में पांच साल में एक ही बार चुनाव हों, तो एक झूठ पर ही सारे चुनाव जीते जा सकते हैं। बाकी के बचे झूठों को अगले चुनावों के लिए बचाकर रखा जा सकता है। प्रति नेता झूठ में भी कमी आ सकती है।
इस तरह के काम दूसरे क्षेत्रों में भी किये जा सकते हैं। मेरे इलाके में चेन स्नैचर बहुत एक्टिव रहते हैं, कुछ उनमें से बाद में विधायक भी हो गये। पर हमेशा नयी-नयी खेप चेन स्नैचरों की आती रहती है। उन चेन स्नैचरों से निवेदन किया जा सकता है कि वन ईयर, वन स्नैचिंग, यानी जिस लेडी की चेन एक बार खींच ली गयी है, उससे अगले एक साल तक चेन नहीं खींची जायेगी। यूं हो कि चेन स्नैचिंग करने के बाद चेन स्नैचर एक टोपी दे अपने शिकार को, वह शिकार उस टोपी को पहनकर बाहर निकले, तो चेन स्नैचरों को पता चल जायेगा कि इसकी हो चुकी है, अब एक साल तक नहीं करेंगे। टोपियों के रंग हर साल बदले जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में भेड़िये मार मचाये हुए हैं, सारे टीवी चैनल भेड़ियों की तलाश कर रहे हैं। डकैत, किडनैपर परेशान हैं कि उनकी वारदातों को कवरेज नहीं मिल रही है। कवरेज के चक्कर में कुछ डाकू नकली भेड़िये बनकर मार मचा सकते हैं।
भेड़ियों के चक्कर में सियार मारे जा रहे हैं। डाकुओं पर हमला होता है, तो कई बार किडनैपर मारे जाते हैं। सियार अधिकार के समर्थकों को इस संबंध में आवाज उठानी चाहिए। वैसे एक बात है कि कैरेक्टर के मामले में भेड़िये भी इंसानों की तरह ही रसिक हैं। योजना यह है कि मादा भेड़िये की आवाज सुनायी जायेगी लाउड स्पीकर पर, तो नर भेड़िया उसके चक्कर में आयेगा और उसे फंसा लिया जायेगा।