चेतनादित्य आलोक
वैसे तो हमारा देश खेलों में अब खूब तरक्की करने लगा है। लोकल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल स्तर की प्रतिस्पर्धाओं में भी हमारे खिलाड़ी अपने कौशल का रंग जमाने लगे हैं। हालांकि, दुःख की बात भी है कि अब तक हम निरंतर किसी भी खेल में नंबर वन नहीं बन पाए हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि अब हालात बदलने वाले हैं, क्योंकि जितनी तेजी से हमारा देश ‘पल्टीबाजी’ के खेल में नित्य नई ऊंचाइयां हासिल करता जा रहा है, उसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि अब वह दिन दूर नहीं, जब हम कम-से-कम इस खेल में दुनिया में नंबर वन होंगे।
वैसे हम अंग्रेज थोड़े न हैं कि अपना खेल सबको खेलाते चलेंगे। हम तो भारतीय हैं… हम अपने खेलों को दूसरों के साथ शेयर ही नहीं करते या कहें कि दूसरे हमारे खेलों को स्वीकार ही नहीं करते। चाहे कुछ भी कह लें, मतलब एक ही है। इसलिए बस, हमारे इस खेल पल्टीबाजी को मान्यता मिलने भर की देर है। उसके बाद तो हम भी सिर ऊंचा करके गर्व से कह सकेंगे कि हमारा खेल दुनिया में नंबर वन हो गया है।
देश में पल्टीबाजी के विकास की बात करें तो बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, गोआ और राजस्थान अब तक इसे अपना राज्य खेल घोषित कर चुके हैं। इन राज्यों के खिलाड़ी पल्टीबाजी में चैंपियन भी रहे हैं, लेकिन बंगाल, ओड़िशा, गुजरात और हरियाणा जैसे बड़े राज्यों में पल्टीबाजी को प्रश्रय नहीं मिलने से ‘राष्ट्रीय पल्टीबाजी विकास और नियंत्रण बोर्ड’ उन राज्यों की सरकारों से बेहद नाराज है, जिनके सहयोग के बिना उन राज्यों में इस खेल को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है। दरअसल, बोर्ड चाहता है कि उन राज्यों की सरकारें भी पल्टीबाजी को राज्य खेल घोषित करें और लोगों को इसे खेलने के लिए प्ररित करें। मेरा तो मानना है कि केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में एक प्रस्ताव लाए और संसद के दोनों सदनों में इसे पारित कराकर पल्टीबाजी को राष्ट्रीय खेल घोषित कर दे।
सुना है केंद्र सरकार में शामिल सहयोगी दलों ने भी सरकार से साफ-साफ कह दिया है कि उसके साथ वे तभी बने रहेंगे, जब वह पल्टीबाजी को भारत का राष्ट्रीय खेल घोषित करेगी। बहरहाल, इस समय की ब्रेकिंग न्यूज यह है कि महज कुछ वर्ष पूर्व ही पल्टीबाजी को अपनाने वाला राज्य महाराष्ट्र इस खेल में इतनी तेजी से उभर रहा है कि शीघ्र ही पूर्व चैंपियनों को पछाड़कर उसके पहले पायदान पर पहुंचने की संभावनाएं जताई जाने लगी हैं।