रेणु खंतवाल
अतिव्यस्त होती दिनचर्या ने हमें समेट कर रख दिया है। अब हम सभी चीज़ों के लिए समय निकाल लेते हैं लेकिन मिलने- जुलने के लिए हमारे पास वक्त की कमी हो जाती है। ऐसे में दीपावली का त्योहार वह मौका होता है जो हमें कुछ पल अपने दोस्तों-रिश्तेदारों के साथ मिलने, एक-दूसरे के घर जाने का मौका देता है। चाहे वह अवसर दीपावली गेट-टू-गेदर हो या प्री दिवाली पार्टी। लेकिन दीपावली के इस मेलजोल में खूब खाना-पीना भी हो जाता है। कोई कितना ही स्पेशल डाइट को फॉलो कर ले लेकिन दीपावली के दौरान सबका डाइट प्लान धरा का धरा रह जाता है। हम बहुत ज्यादा मीठा, फ्राइड, फास्ट फूड खा लेते हैं। खूब ओवर ईटिंग भी इस दौरान हो जाती है। ऐसे में कई सेहत संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। जानिये, हमारी सेहत पर इन दिनों में ओवर ईटिंग, मिठाई और फास्ट फूड का क्या प्रभाव पड़ता है और हमें खुद को इससे कैसे बचाना है। इसी बारे में दिल्ली की एस्थेटिक फिजिशियन, होम्योपैथ, डॉ. करुणा मल्होत्रा से रेणु खंतवाल की बातचीत।
वजन का बढ़ना
दीपावली के दौरान हम मिठाइयां, फास्ट फूड, फ्राइड स्नैक्स खूब खा लेते हैं जिससे हमारा वजन तेजी से बढ़ता है। वजह यह है कि इन सभी खाद्य पदार्थों में उच्च कैलोरी, शर्करा और वसा अधिक मात्रा में होते हैं। ऐसे में आप अपने दैनिक जीवन की जरूरत से ज्यादा कैलोरी ले लेते हैं और यह मोटापे का कारण बन जाता है। बजन बढ़ने से न केवल शरीर की शेप बेडौल हो जाती है बल्कि यह उच्च रक्तचाप, शुगर, और हृदय रोगों का भी कारण बन जाता है।
पाचन संबंधी समस्याएं
दीपावली पर्व शृंखला के दौरान अधिक अनहेल्दी खानपान से पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं जैसे गैस, अपच, ब्लोटिंग आदि। दीपावली पार्टी और अत्यधिक वसायुक्त व मसालों से भरपूर खाना हमारी पाचन क्षमता को प्रभावित करता है। पेट भारी महसूस होता है।
ऊर्जा की कमी
फास्ट फूड व मिठाइयां खाने में जितनी स्वादिष्ट होती हैं उतनी ही इनमें पौष्टिक तत्वों की कमी भी होती है। जब इनका असर शरीर पर पड़ता है तो आपको थकान, आलस्य होते हैं। इन खाद्य पदार्थों में उच्च शर्करा होने से रक्त में शुगर का स्तर अचानक बढ़ता-घटता है जिससे ऊर्जा की कमी महसूस होती है। ऊर्जा के इस उतार-चढ़ाव से थकान और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
अन्य दिक्कतें
अधिक मिठाई और फास्ट फूड का सेवन हाई बीपी, मधुमेह और हृदय रोग का कारण बन सकता है। इन खाद्य पदार्थों में उच्च वसा और शर्करा की मात्रा के कारण हृदय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ये इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं। जिससे बीमारियां जल्दी होती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
अधिक मिठाइयों और फास्टफूड का सेवन मानसिक सेहत पर भी प्रभाव डाल सकता है। शर्करा का अधिक सेवन मस्तिष्क में डोपामाइन स्तर बढ़ाता है जो अस्थायी खुशी का अनुभव कराता है लेकिन इसके बाद होने वाली ऊर्जा की कमी से मूड स्विंग और अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ऐसे रखें खानपान में एहतियात
सवाल है कि त्योहारों के माहौल में मिठाइयों, फ्राइड स्नैक्स और फास्ट फूड से कैसे बचा जाए। दरअसल, यह सब इतना भी मुश्किल नहीं है। बस कुछ बातों का ध्यान रखें –
- बेशक कोई मिठाई आपकी फेवरेट हो लेकिन उसे सीमित मात्रा में लें।
- छोटी प्लेट में खाना लें और धीरे-धीरे खाएं।
- जो परोसा जा रहा है उसमें से सबसे हेल्दी विकल्प चुनें।
- सलाद और फल की मात्रा अपनी प्लेट में अधिक रखें।
- किसी पार्टी में जाने से पहले घर से हल्का हैल्दी नाश्ता करके निकलें ताकि वहां कम खाया जाये।
- अगर कोई प्यार से मीठा सर्व करे तो बस एक छोटा सा पीस ही लें।
- आजकल लोग मेहमानों के सामने हेल्दी विकल्प भी रखते हैं। ऐसे में पहले देख लें कि खाने में क्या-क्या है उसके बाद अपनी प्लेट में लें।
- त्योहार का आनंद भी लें, मिठाइयां भी खाएं, बाहर लंच व डिनर भी करें लेकिन घर आकर व्यायाम जरूर करें।
- वेट ट्रेनिंग करें ताकि कैलोरी बर्न करने की क्षमता बढ़े।
- योग व प्राणायाम भी इस दौरान जरूर करें। यह आपको इस दिनों की भागदौड़ और काम के तनाव से राहत देगा।
- घर पर अपनी डाइट में फल, सलाद और सब्जियों की मात्रा बढ़ा दें। प्रोटीन की मात्रा भी ठीक रखें।
- त्योहार की इस भागदौड़ में हाइड्रेटेड रहें। खूब पानी पिएं।
- अच्छी नींद लें और काम के तनाव को कंट्रोल में रखें। काम की लिस्ट ज्यादा बड़ी है तो भी सकारात्मक सोचें कि सब हो जाएगा।