रजनी अरोड़ा
बागवानी
ठंड के मौसम ने दस्तक दे दी है। तो क्यों न रंग-बिरंगे फूलों से सर्दियों का गर्मजोशी से स्वागत किया जाये। ऐसे फूल जो काफी समय तक बने रहते हैं और इनकी देखभाल आसानी से की जा सकती है। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही फूलों के बारे में।
गुलदाउदी
इसे जाड़े की रानी भी कहा जाता है। इनके फूल-पत्तों में एक खास किस्म की ऐरोमेटिक सुगंध होती है। इसके फूल कई रंगों और आकारों के होते हैं और एक बार खिलने पर तकरीबन दस दिन तक बने रहते हैं। इसे कटिंग से भी लगाया जा सकता है। पौधा जब 7-8 इंच तक बढ़ा हो जाए तो उसकी शाखाओं को ऊपर से थोड़ा काट देना चाहिए।
कैलेंडुला या पाॅट मैरीगोल्ड : इसके फूल डबल पैटल या सिंगल पैटल में पीले और नारंगी रंग होते हैं। पौधा बहुत आसानी से लग जाता है और फूल बड़ी मात्रा में आते हैं। मुरझाये हुए फूल लगातार काटते रहने से फूल अप्रैल तक आते रहते हैं। यह इंसेक्ट्स को दूर रखने का काम भी करते हैं।
पेंसी या मंकी फ्लाॅवर : इसका पौधा काफी छोटा होता है, लेकिन फूल बहुत आकर्षक होते हैं। फूल की शेप बंदर के मुंह की तरह होती है। छाया में अच्छी तरह पनपते हैं। इसके एक पौधे में 2 रंग या शेड के फूल भी आ सकते हैं। यह पौधा 7-8 इंच के कम गहरे गमले या हैंगिंग बास्केट में बहुत खूबसूरत लगता है।
पेटुनिया : सर्दियों का सबसे खूबसूरत फूलों वाला पौधा है। इसमें गुच्छों में फूल खिलते हैं। फूल सिंगल रंग पैटल और मल्टी पैटल रंग के स्टार शेप में होते हैं। सिंगल पैटल के पौधे में मल्टी पैटल के मुकाबले ज्यादा फूल आते हैं। ये फूल सफेद, पीले, गुलाबी, क्रिमसन, काला, बैंगनी कई रंगों में आते हैं। यह पौधा 7-8 इंच के कम गहरे गमले या हैंगिंग बास्केट में आसानी से लगाया जा सकता है। इसके फूल मार्च-अप्रैल तक खिलते हैं।
गज़ेनिया : इसके आई-कैचिंग फूल कई रंगों में मिलते हैं जैसे- पीला, नारंगी, सफेद, लाल। पत्तियां बहुत आकर्षक होती हैं। इसकी एक पत्ती के अंदर दो-तीन शेड होते हैं। फूल लगातार और काफी अधिक मात्रा में आते हैं जो सूरज की रोशनी के बिना नहीं खिलते और शाम ढलते-ढलते इसके फूल बंद हो जाते हैं।
निमेसिया : बिना ज्यादा मेहनत किए निमेसिया के पौधे पर बहुत ज्यादा मात्रा में गुच्छों में फूल खिलते हैं। इसे आप अपने बागीचे में निमेसिया के विभिन्न रंगों के फूलों के पौधों को हैज की तरह भी लगा सकते हैं जो बहुत खूबसूरत लगते हैं।
एस्टर : कई रंगों के फूल आते हैं। फूलों की पत्तियां बहुत पतली-पतली होती हैं, लेकिन फूल भरा हुआ होता है।
डेंथस या स्वीट विलियम : इसका पौधा छोटे आकार का और बहुत आसानी से लग जाता है। इसके फूल कई वैराइटी के होते हैं। एक साथ खिलने वाले छोटे-छोटे फूल गुलदस्ते की तरह लगते हैं। इसके फूलों में दालचीनी की तरह खुशबू होती है। फूल मुरझाने पर पौधे की टहनी को 2 इंच तक काटना चाहिए जिससे इसमें नयी शाखाएं निकलती हैं और फूल लगातार आते रहते हैं।
डेजी : पौधे की पत्तियां पालक के जैसी होती हैं। सफेद, गुलाबी और पीले रंग के ढेर सारे फूल एक साथ आते हैं जो देखने में बहुत खूबसूरत लगते हैं। इसके फूल मार्च-अप्रैल तक आते हैं।
डाॅग या स्नैप ड्रेगन फ्लाॅवर : इसके फूल डाॅग के चेहरे की तरह होते हैं और हल्का-सा दबाने पर खुल जाते हैं। ये काफी आकर्षक होते हैं और काफी मात्रा में खिलते हैं। पौधे पर लगातार फूल आते रहें, इसके लिए जरूरी है कि फूल मुरझाने पर पूरी टहनी को काट दिया जाए।
साल्विया : इसकी दो वैराइटियां होती है-डुवार्फ और उससे बड़ी। डुवार्फ में 3-4 इंच के पौधे में ही फूल आने लगते हैं। लाल, नारंगी, गुलाबी, सफेद, पर्पल रंग के फूल आते हैं। इनमें लाल रंग के फूलों के पौधे आसानी से मिल जाते हैं। एक डंडी में नीचे से गुच्छों में फूल लगना शुरू होते हैं और ऊपर तक आते हैं।
नेस्टरटियम : बेल के रूप में बढ़ने वाले इस पौधे के गोल-गोल हरे पत्ते और चमकीले रंगों के फूल बगीचे की खूबसूरती को बढ़ा देते हैं। फूल पीले, लाल, गुलाबी और नारंगी रंग के भी होते हैं। इसके फूल-पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।
कार्नेशन : इसके फूल मल्टी पैटल में आते हैं और बहुत खूबसूरत होते हैं। फूल कई रंगों के होते हैं और काफी दिनों तक बने रहते हैं।
गेंदा : बहुत कम केयर में उगने वाला पौधा हर बगीचे की शोभा बढ़ाता है। इसकी कई वैराइटी होती हैं। जाफरी में छोटे साइज के सबसे ज्यादा फूल खिलते हैं। दूसरी वैराइटी में पीले और नारंगी फूल काफी बड़े साइज के होते हैं। फूल-पत्तियों से एरोमेटिक खुशबू मिलती है जो इंसेक्ट्स को दूर रखने में मदद करती है।