शिखर चंद जैन
शुद्ध देशी घी भारतीय खानपान और आयुर्वेद का अभिन्न अंग रहा है। हमारे बुजुर्ग सदा से इसके गुणों के मुरीद रहे हैं और रोजाना घी का सेवन करने की पैरवी करते रहे हैं। पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित लोगों के साथ साथ डॉक्टर भी अक्सर घी से दूर रहने और रिफाइंड वेजिटेबल आयल का प्रयोग करने की सलाह देते हैं। लेकिन अब पश्चिमी जगत के न्यूट्रीशन वैज्ञानिक घी के सेवन को लेकर सहमति जता रहे हैं। ऋजुता दिवाकर और शिखा शर्मा जैसी जानी-मानी न्यूट्रीशन विशेषज्ञों ने भी घी के सेवन को सेहत के लिए सही बताया है। विशेषज्ञों का कहना है कि सेहत पर वेजिटेबल तेलों के बुरे प्रभाव को देखने के बाद लोगों की धारणा बदलने लगी है।
विदेशी भी मुरीद
देशी घी का चलन भारत ही नहीं दुनिया भर में बढ़ा है। अमेरिका और यूके से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक आपको शुद्ध घी के कई स्थानीय ब्राण्ड मिल जाएंगे जिनकी अच्छी खासी मांग है। सिडनी के फार्मर’स मार्केट में भी शुद्ध देशी घी बिकता है,जो वहां के किसान भारतीय पद्धति से बनाते हैं। शायद आप ताज्जुब की बात मानें कि अमेरिका की रियलिटी टीवी स्टार कोर्टनी करदाशियां, अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और जीरो फिगर के लिए चर्चा में रही करीना कपूर जैसे नामी लोग भोजन में दो चम्मच शुद्ध घी जरूर खाते हैं।
सेलेब्रिटी शैफ की रेसिपीज में शामिल
यूएस में एल्टॉन ब्राउन और माइकल रिचर्ड जैसे सेलेब्रिटी शैफ भी अपनी रेसिपीज में घी का प्रयोग कर रहे हैं। एल्टॉन ब्राउन ने तो ट्विट करके देशी घी घर पर बनाने का तरीका भी बताया है। पैलियो डाइट, जिसमें पुरखों के अंदाज में भोजन किया जाता है, के पैरोकार भी घी के मुरीद हैं। पश्चिम में पॉपुलर बुलेट प्रूफ कॉफी और हल्दी युक्त दूध (टरमेरिक लैट्टे) के शौकीन भी इन पेय पदार्थों में एक चम्मच घी डालते हैं।
गार्लिक घी भी बाजार में
अमेजन पर सबसे ज्यादा बिकने वाले एक नामी ऑर्गेनिक घी ब्रांड के मालिक संदीप अग्रवाल ने घी के सेवन के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई। पश्चिमी स्वाद के अनुरूप देशी घी को लोकप्रिय बनाने केलिए संदीप ने घी के कई स्वाद तैयार किए हैं- इटालियन घी, गार्लिक घी, हर्ब्ड डी प्रोविंस घी, इंडियन डैजर्ट घी, डाइजेस्टिव घी एवं कोकोनट घी। इधर भारत में पतंजलि आयुर्वेद, गोवर्द्धन, पराग, अमूल घी भी खूब बिक रहे हैं। इसके अलावा ऑर्गेनिक घी का बाजार भी काफी गरम है।
हेल्थ एक्सपर्ट की राय
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो 1980 से लो फैट का फंडा चला कि सैचुरेटेड फैट्स रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाकर धमनियों को अवरुद्ध कर देती हैं। ताजा अनुसंधान के मुताबिक रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट औऱ शुगर की उच्च मात्रा वाली लो फैटडाइट्स ज्यादा नुकसानदायक होती है। यहां तक कि यूनाइटेड स्टेट्स फूड्स एवं ड्रग्स ऑथोरिटी ने भी डाइटरी कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज के बीच किसी प्रकार के लिंक को बीते साल से अमान्य घोषित कर दिया है। इसलिए अब घी जैसे कुदरती स्रोत से प्राप्त सैचुरेटेड फैट्स को सेहत के लिए अच्छा माना जा रहा है और इसे सुपर फूड का दर्जा दिया जा रहा है। घी में शौर्ट चेन फैटी एसिड्स काफी मात्रा में होती हैं जो पेट में अच्छे बैक्टीरिया को मेंटेन करने में मददगार हैं। इससे फैट को नष्ट करके
वजन कम करने में सहायक माना जा रहा है। घी में फैट- सोल्यूबल विटामिन ए, डी, ई और के भी होते हैं। घास चरने वाली गायों के दूध से बने घी में कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड होता है जो गंभीर रोगों से लड़ने वाला एंटी ऑक्सीडेंट माना जाता है। न्यूट्रीशनिस्ट ऋजुता दिवाकर का मानना है कि भोजन में घी का प्रयोग करने से यह उसका ग्लिसमिक इंडेक्स घटा देता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित होती है।
संतुलित हो सेवन
हैल्थ एक्सपर्ट्स कहते है कि घी का सेवन करें लेकिन सीमित मात्रा में। आयुर्वेद में भी घी का प्रयोग संतुलित मात्रा में ही करने की सलाह दी गई है। ऋजुता की राय में युवाओं और बुजुर्गों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है और गर्मी से अधिक सर्दियों में इसका सेवन करना चाहिए। पश्चिमी पोषण विज्ञान के मुताबिक हमने घी का सेवन बंद करके रिफाइंड वेजीटेबल ऑयल अपना लिए। यहां के कार्डियोलॉजिस्ट और डायबिटीज स्पेशलिस्ट कहते हैं कि घी सेहत के लिए नुकसान दायक है। लेकिन अब विज्ञान जिन
तथ्यों के साथ सामने आया है, उनके बारे में जानकर उनकी राय भी बदलने लगेगी।