रजनी अरोड़ा
अगर आपको किचन गार्डनिंग या टैरेस गार्डनिंग का शौक है और आप घर पर सब्जियां लगाना चाहते हैं तो यह मौसम सही है। थोड़ी-सी मेहनत से आप गमलों में भी सब्जियां उगा सकते हैं। कुछ सब्जियां तो ऐसी होती हैं जिन्हें आप पाॅली-बैग में भी आसानी से उगा सकते हैं। इन सब्जियों को आम भाषा में चौमासे की सब्जियां कहा जाता है। केमिकल्स फ्री होने के साथ-साथ मेहनत से उगाई गई ये सब्जियां निश्चय ही अधिक जायकेदार और सेहतमंद होंगी। आइये जानें ऐसी ही सब्जियों को।
गवार की फली- बीज से आसानी से उगने वाली गवार की फली का पौधा बहुत जल्दी ग्रो भी हो जाता है। छोटे-छोटे पौधों में इसकी फलियां लगनी शुरू हो जाती हैं।
भिंडी- सबकी पसंदीदा और आसानी से उगने वाली सब्जी। जून महीने में भी इसके बीज उगाए जा सकते हैं और इस मौसम में ये 7-10 दिन में ही जर्मिनेट होते हैं। बीज लगाने के 40-45 दिन बाद भिंडियां आनी शुरू हो जाती हैं। पौधे को धूप में रखना चाहिए।
घीया – होम गार्डन में पूरे साल उगने वाली सब्जी घीया को भी जून के महीने में उगा सकते हैं। इसकी बेल भी मचान या नेट पर चढ़ानी चाहिए ताकि बरसात के मौसम में कीड़े लगने या गलने की समस्या न हो। इसे लगाते समय एक बड़े गमले में 2 बीज लगाएं। पौधे कुछ बड़े हो जाएं तो एक गमले में एक पौधा ही लगाएं।
अरबी- आप अपने किचन गार्डन में अरबी किसी भी मौसम में लगा सकते हैं, लेकिन जून-जुलाई में लगाने पर इसकी पैदावार अच्छी होती है। डेकोरेटिव पौधे के रूप में इसके बड़े-बड़े पत्ते न केवल आपके बागीचे की शोभा बढ़ाएंगे, बल्कि इनसे सब्जी या पकौड़े भी बना सकते हैं। अरबी के पौधे बहुत जल्दी मल्टीप्लाई हो जाते हैं और सारा साल इनका मजा ले सकते हैं।
बैगन- बैगन ऐसा पौधा है जो साल भर बना रहता है और सब्जी देता है। जून महीने में बैगन को बीज या पौध से लगाया जा सकता है। बैगन के पौधे कटिंग से भी उगाए जा सकते हैं।
शिमला मिर्च और बैल पेपर- इस मौसम में शिमला मिर्च आसानी से लगाई जा सकती है। इसकी पहले पौध लगाई जाती है जिसे बड़े गमले में लगा सकते हैं।
पालक, बथुआ, चैलाई, मेथी – पूरे साल होम गार्डन में 8-10 इंच गहरे गमले में आसानी से उगाई जा सकती है। इसके लिए मिट्टी में अच्छी खाद मिलाकर ही पालक के बीज लगाने चाहिए। 8-10 दिन में पालक के पौधे जर्मिनेट हो जाते हैं। पालक के एक पौधे से 2-3 बार सब्जी ली जा सकती है। 4-5 सप्ताह बाद इसके पत्ते काटेे जा सकते हैं। लगभग 10-15 दिन बाद इसमें नए पत्ते आ जाते हैं।
टमाटर- इसकी कई वैराइटी होती हैं जिन्हें आप जून के महीने मे लगा सकते हैं। बीज से इसकी पौध तैयार की जाती है, फिर बड़े गमले में ट्रांसफर किया जाता है। आप चाहे तो टमाटर के पतले स्लाइस काटकर मिट्टी में दबाकर उगा सकते हैं। टमाटर के पौधे को सपोर्ट की जरूरत होती है जिसके लिए आप मजबूत लकड़ी या डंडे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मूली – बीज से उगने वाली मूली के पौधे कम से कम 12 इंच गहरे गमले में लगाना चाहिए ताकि मूली लंबाई मे अच्छी तरह बढ़ पाए। खुली धूप में रख सकते हैं। इसके पत्ते खाए जा सकते हैं।
चुकंदर – 9 इंच के गमलों मे लगाना चाहिए। कलरफुल पत्तों के कारण इसे डेकोरेटिव प्लांट के तौर लगा सकते हैं। बाद में इसे अपने आहार का हिस्सा बना सकते हैं।
स्प्रिंग ओनियन – हरा प्याज भी आप अपने किचन गार्डन मे उगा सकते हैं। इसके लिए आपको बीज खरीदने की भी जरूरत नहीं है। घर में इस्तेमाल होने वाले प्याज को काटकर लगभग 6 इंच के पाॅट में लगा दे।
इन बातों का रखें ध्यान : इन सब्जियों को उगाने के लिए आपको पौधो में समय-समय पर बदल-बदल कर खाद जरूर देनी चाहिए। आप वर्मी कम्पोस्ट, गोबर की खाद, बोन मील, नीम खली, किचन वेस्ट कम्पोस्ट जैसी खाद दे सकते हैं। बीज लगाते समय ध्यान रखें कि इन्हे पहले कम गहराई वाले पाॅट या ट्रे में लगाएं। बीज मिट्टी के ऊपर फैला दें और हल्की-सी मिट्टी से ढक दें। अंकुरण तक मिट्टी में हल्की नमी जरूर बनाए रखें। गमले को छाया वाली जगह रखें। जर्मिनेट होने पर पौधे जब 4-5 इंच बड़े हो जाएं तो इन्हें बड़े गमलों में ट्रांसप्लांट करें। मिलीबग्स, कीड़े वगैरह लगने पर इन पर आर्गेनिक पेस्टिसाइट दवा, नीम या लौंग के तेल का छिड़काव करें।