चंडीगढ़, 8 नवंबर (ट्रिन्यू)
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में नया रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) काॅरिडोर विकसित किया जाएगा। हरियाणा के गुरुग्राम स्थित राजीव चौक से आरंभ होकर यह काॅरिडोर फरीदाबाद के बाटा चौक को पार करते हुए उत्तर प्रदेश के नोएडा (सेक्टर 142) और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर तक जाएगा। करीब 60 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर के बीच में आठ स्टेशन होंगे। इस पूरी परियोजना पर करीब 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली (आरआरटीएस) काॅरिडोर के बनने के बाद एनसीआर में यातायात की भीड़ और परिवहन क्षेत्र से होने वाले प्रदूषण से काफी हद तक मुक्ति मिल सकेगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह की केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल के साथ पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई बैठक में मेट्रो के विस्तारीकरण और आरआरटीएस को स्थापित करने पर विस्तृत चर्चा हुई है।
दिल्ली एयरपोर्ट से गुरुग्राम-फरीदाबाद-जेवर एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए आरआरटीएस की संभावनाओं को तलाशने की दिशा में भी काम शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री नायब सैनी की केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के साथ हरियाणा के लोगों को मेट्रो रेल और रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम जैसी सुविधाएं देने पर भी बात हुई। दिल्ली के सराय काले खां से करनाल तक आरआरटीएस तथा गुरुग्राम से बाढ़सा के एम्स तक मेट्रो लाइन को जोड़ने पर भी चर्चा की गई।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मेट्रो को गुरुग्राम के पालम विहार से एयरपोर्ट को जोड़ने पर अध्ययन किया जाएगा। इसके साथ ही दो अलग-अलग लाइनें बिछाने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। सराय काले खां से धारूहेड़ा तक जाने वाले आरआरटीएस को बावल व राजस्थान के शाहजहांपुर तक चालू करने पर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
गुरुग्राम से फरीदाबाद के बीच मेट्रो रेल लाइन की स्थिति नहीं बन रही थी। इसलिए अब यहां पर आरआरटीएस को क्रियान्वित करने के लिए अध्ययन करवाया जाएगा।
डीपीआर मिलने के बाद तुरंत मिलेगी मंजूरी
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के अनुसार दिल्ली के पालम एयरपोर्ट से गुरुग्राम, फरीदाबाद होते हुए जेवर एयरपोर्ट तक लाइन बिछाने के लिए अध्ययन होगा। गुरुग्राम के सेक्टर-56 से पंचगांव तक की प्रस्तावित मेट्रो लाइन को बिछाने का खर्च हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इसकी परियोजना की डीपीआर प्राप्त होने के बाद मंजूरी केंद्रीय मंत्रालय द्वारा तुरंत दे दी जाएगी।