सुमेधा शर्मा/ट्रिन्यू
गुरुग्राम, 14 नवंबर
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आवासीय संपत्तियों के व्यावसायीकरण की जांच के लिए पहली बार डोर-टू-डोर सर्वेक्षण करेगा। ‘ट्रिब्यून’ ने हाल ही में इस मामले को प्रमुखता से उठाया था कि गुरुग्राम के प्रमुख सेक्टर 17, 14, 15, 31 और 46 की ‘कोठियों’ से स्कूल, अस्पताल, गेस्टहाउस, जिम और कंपनी के कार्यालय अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं।
एचएसवीपी सोमवार से सर्वे शुरू करेगा और डिफॉल्टरों की संपत्ति को कब्जे में लिया जाएगा। एचएसवीपी एस्टेट ऑफिसर विकास ढांडा ने कहा, ‘हम पहले चरण में सेक्टर 17, 14 और 15 में सर्वे करेंगे और हर घर का दौरा करेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि वहां कोई व्यावसायिक गतिविधि तो नहीं चल रही है। अवैध रूप से व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जा रही संपत्तियों को कब्जे में लिया जाएगा।’
एचएसवीपी के प्रवर्तन विंग द्वारा 2023 में किए गए एक आंतरिक सर्वे से पता चला था कि प्रदेशभर में एचएसवीपी के तहत 70 प्रतिशत आवासीय सेक्टरों में अवैध व्यावसायीकरण सबसे बड़ी समस्या है। सर्वे में यह भी सामने आया कि कई आवासीय संपत्तियों में अवैध रूप से परिवर्तन किया गया है। कई मामलों में नोटिस जारी किया गया, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की गई और न ही उसका फॉलोअप किया गया।
उदाहरण पेश करते हुए एचएसवीपी ने सेक्टर 17 में रहने वाले राजनेता नवीन गोयल को दूसरा और ‘अंतिम’ चेतावनी नोटिस जारी किया है, जिन पर बार-बार अपने आवासीय परिसर को कथित तौर पर वाणिज्यिक कार्यालय में परिवर्तित करके सेक्टर में सार्वजनिक व्यवधान पैदा करने का आरोप लगाया गया है।
गोयल को अक्तूबर में पहला नोटिस दिया गया था और सभी उल्लंघनों को सुधारने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था। जब वह कोई जवाब देने या कोई सुधारात्मक उपाय करने में विफल रहे, तो उन्हें मानदंडों के अनुसार दूसरा नोटिस जारी किया गया। ढांडा ने कहा, ‘हमने उन्हें अंतिम चेतावनी के रूप में दूसरा नोटिस दिया है। उनके परिसर का सर्वे किया गया है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।’
सेक्टर 17 के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर कहा है कि वे पिछले एक साल से राजनेता द्वारा किए जा रहे उल्लंघन को उजागर कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आरडब्ल्यूए ने गुरुग्राम में आवासीय संपत्तियों के दुरुपयोग की ओर भी ध्यान आकर्षित किया, जिससे पार्किंग की समस्या और यातायात अव्यवस्था के अलावा सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी पैदा हो रही हैं। विभाग अपने सर्वे में गैर-पंजीकृत पीजी और आवासीय भवनों में चल रहे छात्रावासों पर भी शिकंजा कसेगा।