सुरेंद्र मेहता/हप्र, यमुनानगर, 15 नवंबर
Kapalmochan Mela: प्रसिद्ध, ऐतिहासिक एवं धार्मिक तीर्थराज कपाल मोचन मेला पूर्ण श्रद्धा, उल्लास और क्षेत्र की महिमा के अनुरूप शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। देश के विभिन्न राज्यों से आए 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने तीनों सरोवरों में स्नान किया और वहां पर स्थित सभी गुरुद्वारों में माथा टेका और मंदिरों में पूजा-अर्चना की।
इस पवित्र धाम पर स्थित कपाल मोचन सरोवर, ऋण मोचन सरोवर व सूरज कुण्ड में विभिन्न राज्यों से आए अलग-अलग धर्मों के श्रद्धालुओं ने 14 नवंबर की रात्रि को 12 बजे के उपरांत शुरू हुई कार्तिक मास की पूर्णिमा के अवसर पर मुख्य स्नान आरम्भ किया।
मेले में आए विभिन्न धर्मों के श्रद्धालु तीनों सरोवरों में स्नान करने के लिए एक दूसरे का पल्लू पकड़ कर अपनी रक्षा पंक्ति बनाकर एक सरोवर से दूसरे सरोवर की ओर बढ़ रहे थे। यह दृश्य बड़ा ही मनोहारी था, क्योंकि प्रत्येक श्रद्धालु ने प्रत्येक सरोवर पर स्नान करने से पूर्व दीप जलाकर मन्नतें मांगी व पहले मांगी गई मन्नतों के पूर्ण होने पर पूजा-अर्चना की।
मंदिरों, गुरुद्वारों और तीनों पवित्र सरोवरों के घाटों पर प्रशासन द्वारा लगाए गए बल्ब व लडियां काफी मनोहारी थी। श्रद्धा का आलम यह था कि सर्दी के बीच लोगों ने तीनों सरोवरों में स्नान किया। यह स्थान हिन्दू, सिख व मुस्लिम एकता का अनूठा तीर्थ स्थान है। श्रद्धालुओं ने पंच स्नान करने के लिए इस बार 11 नवंबर से ही आना शुरू कर दिया था। शुक्रवार को कार्तिक मास की पूर्णिमा में तीनों सरोवरों में लोगों ने स्नान व पूजा अर्चना की। गत रात्रि 12 बजे से ही पूरे मेला क्षेत्र में भीड़ जुटना शुरू हो गयी थी।
सतर्क रहा प्रशासन
मेला प्रशासक एवं बिलासपुर के एसडीएम जसपाल सिंह गिल ने पूरे मेला क्षेत्र का जायजा लिया और समस्त जिला प्रशासन पूरी रात मेला क्षेत्र में स्थित प्रशासनिक खंड में मौजूद रहा। रात्रि के 12 बजे के बाद जब श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवरों में स्नान करना शुरू किया तो पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारियों ने तीनों सरोवरों पर स्वयं जाकर प्रबंधों का निरीक्षण किया।
हनुमान मंदिर रामपुरा में हवन का आयोजन
यमुनानगर (हप्र) : श्री हनुमान मंदिर रामपुरा कॉलोनी में कार्तिक पूर्णिमा पर आज हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ में मुख्य यजमान सोमपकाश ओबराय व सीमा ओबराय थे। मंदिर के आचार्य शारदा मिश्रा ने विधि विधान के साथ यज्ञ सपन्न करवाया। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति डाली।
आचार्य शारदा मिश्रा ने कहा कि कार्तिक का महीना पूजा-पाठ, धर्म-कर्म, ध्यान और मांगलिक कार्यों के लिए विशेष होता है। कार्तिक का महीना चातुर्मास का आखिरी महीना होता है। इस माह में भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं। शास्त्रों के अनुसार जो मनुष्य कार्तिक मास में प्रतिदिन गीता का पाठ करता है उसे अनंत पुण्यों की प्राप्ति होती है। बाद में भजन कीर्तन व भंडारे का भी आयोजन किया गया। मौके पर राकेश शर्मा उर्फ स्वीटी, दविंदर मेहता, अनिल लंबा, अंकित शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित थे।