हिसार, 26 अगस्त (हप्र)
कोविड-19 महामारी के दौरान यूं तो प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए नयी भर्तियां करने की बात कर रही थी लेकिन क्वारंटाइन और आइसोलेशन में करीब 90 प्रतिशत मरीजों को घर-घर जाकर दवा देने वाले अग्रणी कोरोना योद्धाओं के डेढ़ हजार से ज्यादा पद हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की योजना शाखा ने दूसरी लहर से पहले ही गुपचुप तरीके से नई नीति जारी कर समाप्त कर दिए। यह खुलासा हिसार के एमपीएचडब्ल्यू एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य नूर मोहम्मद व स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ के राज्य प्रधान राममेहर वर्मा ने किया। उन्होंने बताया कि राममेहर वर्मा को सूचना का अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी से खुलासा हुआ है कि 24 दिसंबर को स्वास्थ्य विभाग की योजना शाखा ने एक नई नीति जारी कर यह पद समाप्त कर दिए।
आरटीआई के अनुसार पुरानी नीति के तहत शहरी क्षेत्र में पांच हजार की आबादी पर एमपीएचडब्ल्यू का एक पद व 30 हजार की आबादी पर सुपरवाइजर का एक पद होता था। अब नई नीति के तहत शहरी क्षेत्र में एमपीएचडब्ल्यू के सिर्फ 6 और सुपरवाइजर का एक पद ही रहेगा। वहीं एक लाख से कम जनसंख्या वाले प्रदेश के 17 शहरों में यह पद पूरी तरह से समाप्त कर दिए हैं। पीपीसी व टीबी अस्पताल में एमपीएचडब्ल्यू के 49 पद समाप्त कर दिए गए हैं। इससे 2702 सुपरवाइजर के स्वीकृत पदों में से 425 के करीब पद और सुपरवाइजर के 632 पदों में से 178 पद समाप्त हो गए हैं।
इसी प्रकार फील्ड वर्कर के 537 पद थे, जिनको पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। वहीं पीएचएन (पब्लिक हेल्थ नर्स) के 44 पद और डीपीएचएनओ (डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ नर्स ऑफिसर) के 22 पद समाप्त कर दिए गए हैं। टीबी अस्पताल में स्टाफ नर्स के सभी 102 पद, 22 नर्सिंग सिस्टर के पद, 17 स्टोर कीपर, 17 क्लर्क, 22 अधीक्षक, 17 उपाधीक्षक, 22 मास एजुकेशन इंस्पेक्शन ऑफिसर, 26 जिला परिवार कल्याण शिक्षा अधिकारी, 44 सीनियर मलेरिया इंस्पेक्टर, 12 सहायक मलेरिया अधिकारी, 26 सहायक यूनिट ऑफिसर, 13 सीनियर लैब टेक्निशियन के पद समाप्त कर दिए हैं।
कटौती का निर्णय वापस लेने के लिए एमपीएचडब्ल्यू का प्रदर्शन
बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन ने बृहस्पतिवार को इसके खिलाफ सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भेजा। उन्होंने मांग की कि नई नीति के तहत पदों में कटौती के इस निर्णय को वापस लिया जाए। एसोसिएशन के प्रधान प्रदीप कुमार, सचिव पवन यादव, पूर्व महासचिव राजकुमार,वरिष्ठ सदस्य नूर मोहम्मद और बजरंग सोनी ने कहा कि कि सरकार द्वारा एक तरफ तो 2022 में राज्य को मलेरिया मुक्त व 2025 में टीबी रोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखा हुआ है वहीं इस लक्ष्य के लिए फील्ड में काम करने वालों के पदों को खत्म किया जा रहा है।