ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़ 9 जुलाई
हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने आज सभी उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को राज्य में नशे की तस्करी में शामिल लोगों पर शिकंजा कसने के लिए एक महीने तक व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिए।
आज यहां नार्को समन्वय केंद्र (एन.सी.ओ.आर.डी.) की 8वीं राज्य स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री प्रसाद ने इस अभियान की सफलता के लिए नागरिक एवं पुलिस प्रशासन तथा स्वास्थ्य, समाज कल्याण और शिक्षा विभागों के समन्वित प्रयासों का आह्वान किया।
मुख्य सचिव ने वरिष्ठ नागरिकों और पुलिस अधिकारियों को हरियाणा को नशा मुक्त राज्य बनाने के राज्य सरकार के सपने को साकार करने के लिए अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करने के निर्देश दिए। सूचना जुटाने की प्रणाली को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, उन्होंने उपायुक्तों को युवाओं को नशे के चंगुल से बचाने के लिए शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के साथ नियमित बैठकें करने के भी निर्देश दिए।
प्रसाद ने निर्देश दिए कि सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अपने-अपने जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों का औचक निरीक्षण करें। इसके अलावा, उन्होंने सभी हितधारक विभागों के साथ समन्वय बनाए रखने और नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ विभिन्न कार्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय (सेवा) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कार्य समूह बनाने की भी घोषणा की।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024 के पहले छह महीनों के दौरान एनडीपीएस एक्ट के तहत 1653 मामले दर्ज किए गए हैं और 2196 व्यक्ति गिरफ्तार किए गए हैं। इसी प्रकार, वाणिज्यिक मात्रा के 164 मामले दर्ज किए गए हैं और 258 गिरफ्तार किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, एनडीपीएस मामलों में 428 व्यक्तियों को दोषी ठहराया गया है और पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रिवेंटिव डिटेंशन के 8 आदेश पारित किए गए हैं। इसके अलावा, इस अवधि में 12 किलो हेरोइन, 69 किलो चरस, 3440 किलो गांजा, 130 किलो अफीम, 6616 किलो पॉपी स्ट्रॉ और 1,64,790 फार्मास्युटिकल ड्रग्स भी जब्त किए गए हैं। साथ ही, 102 आदतन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करके 48.34 करोड़ रुपये मूल्य की आपराधिक आय जब्त की गई है।
बैठक में यह भी बताया गया कि केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने हरियाणा के विभिन्न जिला अस्पतालों में 14 नशा उपचार सुविधाएं (ए.टी.एफ.) स्थापित करने की मंजूरी दी है। इस योजना के तहत, इनमें से दो नशा उपचार सुविधाएं जिला झज्जर के बहादुरगढ़ और जिला फतेहाबाद के टोहाना में पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं।
इसके अलावा, राज्य में 38 चिकित्सा अधिकारियों ने पी.जी.आई.एम.ई.आर. चंडीगढ़ के मनोचिकित्सा विभाग से छः महीने का ऑनलाइन नशा मुक्ति प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा कर लिया है, जिससे प्रदेश में मनोचिकित्सकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, मानसिक स्वास्थ्य और नशामुक्ति सेवाओं को और मजबूती प्रदान करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर 148 परामर्शदाताओं/सामाजिक कार्यकर्ताओं की नियुक्ति का प्रस्ताव विचाराधीन है।