सोनीपत, 30 अगस्त (हप्र)
सोनीपत के एक वकील को हनीट्रैप में फंसाकर रुपये मांगने के मामले में सोनीपत में गठित एसआईटी ने दो वकीलों व एक महिला को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने वकील पर पहले दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया और उसके बाद समझौते के नाम पर उससे पहले 8 लाख रुपये तथा बाद में 5 लाख रुपये की मांग की। उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें जमानत मिल गई।
बुधवार को गन्नौर में पत्रकारों से बातचीत करते एसीपी गन्नौर गोरखपाल राणा ने बताया कि सोनीपत कोर्ट के वकील प्रदीप कुमार ने पुलिस आयुक्त को शिकायत दी थी कि एक महिला ने सिविल लाइन थाना में 11 अप्रैल को दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। महिला उनके परिचित सुरेंद्र की जानकार थी। सुरेंद्र ने उन्हें कॉल कर कहा था कि वह महिला का मोबाइल नंबर उनके पास भेज रहे हैं, उनसे जानकारी लेकर उनके मुकदमे में पैरवी कर देना। उन्होंने महिला की पैरवी की थी। वकील ने आरोप लगाया कि महिला ने उस मुकदमे में पैसे लेकर राजीनामा कर लिया था। वह 18 अप्रैल का महिला के साथ थाने में गए थे। जहां पर उसने शपथ पत्र देकर कहा था कि वह मामले में कार्रवाई नहीं कराना चाहती। पुलिस ने मुकदमा झूठा मिलने पर उसे निरस्त कर दिया था। साथ ही महिला के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी थी। जब उन्होंने महिला से अपनी फीस की मांग की तो उसने मना कर दिया था। जिस पर उनकी महिला से कहासुनी हो गई थी। इस पर महिला ने सोनीपत कोर्ट में वकालत करने वाले वकील विजय व मनोज के साथ मिलकर उसके खिलाफ नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म करने व रुपये मांगने का झूठा मुकद्दमा दर्ज करा दिया था। इसमें उसके परिचित सुरेंद्र को भी आरोपी बनाया गया था। बाद में उन्हें ब्लैकमेल किया जाने लगा।
कुछ समय बाद उन्हें मामले में समझौता करने को एक चैंबर में बुलाया गया। जहां पर विजय ने 8 लाख रुपये तथा बाद में मनोज दहिया ने 5 लाख रुपये में समझौता कराने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि वह उनके मुकद्दमे को खारिज करा देंगे। महिला से उनके हक में शपथ पत्र दिलवा देंगे। प्रदीप ने इस सबकी रिकॉर्डिंग कर ली। साथ ही कहा था कि जरूरत पडऩे पर उसकी जमानत करा देंगे। उन्होंने पैसे देने से मना कर दिया था।
प्रदीप ने आरोप लगाया था कि एक आरोपी ने जज की कुर्सी पर बैठकर फोटो खिंचवा रखा है। इससे वे लोगों पर दबाव बनाते थे। आयुक्त ने मामले में एसीपी गन्नौर गोरखपाल के नेतृत्व में एसआईटी बनाई थी। एसआईटी ने जांच कर अधिवक्ता पर दर्ज मुकदमे को रद्द कर दिया था। बाद में 27 जुलाई को दोनों अधिवक्ता व महिला पर मुकदमा दर्ज किया गया था। प्रदीप ने सोनीपत पुलिस आयुक्त सतीश बालन को मोबाइल रिकार्डिंग सहित शिकायत दी थी। एसीपी ने बताया कि तीन और लोगों को थाना बड़ी पुलिस पहले गिरफ्तार कर चुकी है। उन्होंने दिनेश नाम के व्यक्ति पर झूठा मुकदमा दर्ज करवा कर दिनेश के दोस्त से समझौते के नाम पर 7 लाख रुपये की मांग की थी। जिसके बाद पुलिस ने ईश्वर व दो अन्य महिलाओं को गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने बुधवार को एक महिला की मां को भी गिरफ्तार कर लिया है।
आ चुके 10-12 मामले
एसीपी ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि इस मामले में कई अन्य शामिल है। यह सभी मिलकर दुष्कर्म के झूठे मुकदमे दर्ज कराते हैं। यह इस तरह के 10-12 मामले दर्ज करा चुके है।