रोहतक, 22 नवंबर (हप्र)
कपास का वजन करने के बाद खरीद एजेंसी व मिल मालिक प्रति क्विंटल आधा किलो कपास की अवैध रूप से कटौती कर किसानों को पैसा दे रहे हैं। इससे प्रत्येक किसान को एक ट्राली में एक हजार रुपए कम मिल रहे हैं। किसानों ने इस बारे विरोध जताया है। मंडी में कपास लेकर आए किसान धर्मवीरए सुरेन्द्र सैमाण, कुलदीप खेडी, लीलु मोखरा, सुरेश फरमाणा आदि ने आरोप लगाते हुए बताया कि एक टोकन पर चालीस क्विंटल कपास खरीदी जाती है। इस तरह आधा किलो के हिसाब से एक ट्राली में बीस किलो कपास की कांटा कटौती मिल गेट पर कर ली जाती है। उन्होंने बताया कि 56 रुपए प्रति किलो कपास का भाव है। ऐसे में बीस किलो कपास का भाव 1120 रुपए बैठता है। उन्होंने कहा कि ये कटौती के 1120 रुपए बगैर किसी सरकारी आदेश के किसानों को प्रति ट्राली कम दिए जा रहे हैं जबकि ऊपर से ऐसे कोई लिखित आदेश नहीं हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने चेतावनी दी है कि किसानों के साथ ऐसी ज्यादती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जरूरत पड़ी तो वे मिल गेट के बाहर धरना प्रदर्शन करने से भी नहीं चूकेंगे।
दोपहर का भोजन भी किया बंद
जिले की महम अनाज मंडी में कपास व धान लेकर आने वाले किसानों को दिया जाने वाला दोपहर का भोजन बंद कर दिया गया है। किसान भूखा न रहे इसको ध्यान में रखते हुए पिछले दिनों सरकार ने धान व कपास की खरीद शुरू होते ही प्रदेश की सभी मंडियों में किसानों के लिए मुफ्त में भोजन की व्यवस्था की थी। महम मंडी में लगभग एक महीना यह व्यवस्था चली। अब भोजन बंद होने से फसल लेकर आने वाले किसान बाहर खाना खाने को मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि महम मंडी में सोने व रहने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। यदि उनकी समय पर फसल न बिके तो उन्हें खुले आसमान के नीचे ट्रैक्टर ट्राली पर सोते हुए रात गुजारनी पड़ती है।