रोहित जैन/निस
कालांवाली, 30 नवंबर
ब्लाॅक ओढ़ां के गांव जलालआना के आरोही माॅडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल में लंबे समय से स्थाई शिक्षकों की कमी बनी हुई है। स्कूल में बच्चों की संख्या लगातार कम हो रही है। स्थाई शिक्षकाें की कमी विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी खल रही है। वह अपने बच्चों को स्कूल से हटवाकर निजी स्कूलों में लगाने को मजबूर है।
शिक्षा विभाग की ओर से गांव जलालआना में वर्ष 2011 में कक्षा 9वीं से 12वीं कक्षा तक आरोही स्कूल शुरू किया था। इसके बाद वर्ष 2018 में विभाग ने स्कूल को अपग्रेड करते हुए स्कूल में कक्षा छठीं से आठवीं तक की कक्षाएं भी शुरू कर दी थी। तब से स्कूल अपग्रेड होने के बाद स्कूल में स्टाॅफ में बढ़ोतरी होने की बजाय लगातार कम हो रहा है।
टीजीटी के 11 स्वीकृत पदों पर नहीं हुई भर्ती
जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा स्कूल में टीजीटी के 11 पद स्वीकृत किये गये थे जो कि खाली हैं। पीजीटी की एक पोस्ट बच्चाें की संख्या के हिसाब से होने सहित कुल 21 पद स्वीकृत है। जिसमें से 13 पद रिक्त हैं। स्कूल में टीजीटी में अंग्रेजी, हिंदी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, ड्राइंग, पंजाबी, संस्कृत, संगीत, फिजिकल, कंप्यूटर विषय के पद खाली है जबकि पीजीटी में गणित, फिजिक्स, बायोलाॅजी, सांस्कृत, कंप्यूटर, पाॅलीटिकल साइंस, हिस्ट्री, जियोग्राफी, फाइन आर्ट, लाइब्रेरी विषय के पद खाली है। पहले स्कूल में कक्षा नौवीं से बारहवीं तक ही 300 के करीब विद्यार्थी थे। लेकिन शिक्षकों की कमी के चलते अब वर्तमान में स्कूल में कक्षा छठीं से बारहवीं तक ही कुल 263 विद्यार्थी हैं।
“स्कूल द्वारा हर माह खंड कार्यालय में डाटा भेजा जाता है। इसके अलावा उच्चाधिकारियाें को भी कई बार स्टाॅफ की कमी को लेकर पत्र भेज चुके हैं लेकिन स्कूल में शिक्षकों की कमी ज्यों की त्यों बरकरार है।
– बलविंद्र कौर, प्रिंसीपल