ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 22 अक्तूबर
कैथल जिले में पराली जलाने की घटनाओं पर लगाम लगाने में नाकाम रहे तीन एग्रीकल्चर सुपरवाइजर को कृषि विभाग के निदेशक ने मंगलवार को सस्पेंड कर दिया। कृषि विभाग के डायरेक्टर राज नारायण कौशिक की तरफ से प्रदेश के जिन 24 अधिकारी और कर्मचारियों को सस्पेंड करने का पत्र जारी हुआ है, उनमें कैथल के एग्रीकल्चर सुपरवाइजर यादवेंद्र सिंह, हरप्रीत सिंह और सुनील कुमार के नाम भी शामिल हैं। प्रदूषण विभाग के आरओ प्रवीण कुमार को भी सस्पेंड किया गया है। जिला कृषि अधिकारी बाबू लाल ने बताया कि कैथल का एयर क्वालिटी इंडेक्स 246 रहा। जिले में पराली जलाने के अब तक 127 मामले सामने आए हैं। कैथल में पराली जलाने वाले 50 किसानों की मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रेड एंट्री कर दी गई है। इन किसानों की जमाबंदी में लाल निशान लगा दिए गए हैं। इस कारण अब ये किसान आगामी 2 सीजन तक अपनी फसल एमएसपी पर मंडियों में नहीं बेच पाएंगे। दो सीजन उनकी फसल ओपन मार्केट में ही बिकेगी। 63 किसानों पर एक लाख 57 हजार 500 रुपए जुर्माना किया गया है। डीएसपी वीरभान ने बताया कि मंगलवार को तक पराली जलाने पर 22 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से 18 किसानों को गिरफ्तार किया गया है।
कृषि विभाग व पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च
डीसी डॉ. विवेक भारती के दिशा-निर्देशानुसार फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों व पुलिस प्रशासन के सहयोग से मंगलवार को फ्लैग मार्च निकाला गया। यह फ्लैग मार्च गांव प्यौदा, सिसला, सिसमौर, हरसौला, खेड़ी शेरू, जाखौली, देवबन, सांघन, तितरम, सारण व सेगा गांव से निकला। इस फ्लैग मार्च की अगुवाई कृषि विभाग कैथल के उपमंडल अधिकारी सतीश नारा ने की। एसडीओ सतीश नारा ने लोगों को पराली प्रबंधन के बारे में पूर्ण जानकारी दी। किसानों को धान अवशेष न जलाने बारे और कृषि यंत्रों का उपयोग कर फसल अवशेषों का प्रबंध करने बारे जागरूक किया। उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. बाबू लाल के मार्गदर्शन में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जा रहा है।