लोहारू, 16 मई (निस)
बहल कस्बे में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में तालाब में डूबने से 3 बच्चों की मौत हो गई। यह तालाब गत दिनों ही सरकार की अमृत जल धारा योजना के तहत बस्ती के बीचोंबीच खोदा गया था। इसमें बस्ती का गंदा पानी एकत्रित था। सोमवार को छुट्टी होने के कारण ये बच्चे इस तालाब के पास अपनी बकरियों की रखवाली कर रहे थे।
जानकारी के अनुसार बहल कस्बावासी 10 वर्षीय सुशील, 11 वर्षीय सचिन तथा 9 वर्षीय लखन पास की ही राजकीय पाठशाला में क्रमश: कक्षा 4, 6 व दूसरी के विद्यार्थी थे। सोमवार को पाठशाला में अवकाश होने के कारण ये बच्चे इस तालाब के पास सुबह अपनी चरती हुई बकरियों की रखवाली कर रहे थे। इसी दौरान प्रात: 9 बजे के करीब एक-एक करके तीनों बच्चे इस कच्ची मिट्टी से बने तालाब में गिरने लगे। बस्ती के बीचोंबीच होने के कारण आसपास के लोग बच्चों को गिरता हुआ देख दौड़कर मौके पर पहुंचे। बच्चों के बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर वे पानी में कूद गए। सूचना मिलते ही पुलिस के जवान भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भी बच्चों को बाहर निकालने की मदद की। काफी प्रयास के बाद ये तीनों बच्चे गंदे पानी की जमी हुई गाद में नीचे फंसे हुए पाए गए। तीनों को बाहर निकालकर उन्हें बचाने का प्रयास किया गया लेकिन तीनों की सांसें खत्म हो चुकी थीं।
एक पखवाड़े में तीसरा हादसा
लोहारू क्षेत्र में एक पखवाड़े के अंदर इस तरह का यह तीसरा हादसा है। इससे पूर्व मनफरा गांव में 2 लोगों तथा सिंघानी गांव में 3 युवकों की मौत सिंचाई के लिए खेतों में बनाई गई डिग्गी में डूबने से हो गई थी।
खुला ही छोड़ा तालाब, कोई बाड़बंदी नहीं
कस्बावासियों ने बताया कि इस तालाब को खोदकर खुला ही छोड़ा हुआ है। इसके चारों ओर कोई बाड़बंदी आदि नहीं है। कच्ची मिट्टी का होने के कारण ऊपर से फिसलने पर व्यक्ति इस गहरे पानी में ही समा जाता है। बचाव के लिए न कोई रस्सी है और न कोई इंतजाम। प्रशासन की इस लापरवाही पर गुस्साए मोहल्ले वासियों ने महिलाओं समेत राजगढ़ रोड पर ही दरी बिछाकर रोड को जाम कर दिया। समाचार लिखे जाने तक परिजन रोड पर ही बैठे हुए थे।