सोनीपत, 17 जुलाई (निस)
सोनीपत चीनी मिल प्रशासन ने रोक के बावजूद एक कंपनी को पेमेंट जारी करने के मामले में चीफ केमिस्ट, सहायक इंजीनियर एवं स्टोरकीपर को सस्पेंड कर उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
कई साल पहले सोनीपत चीनी मिल की पिराई क्षमता 16 हजार से बढ़ाकर 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन की गई थी। एक कंपनी को 2 साल तक मिल की संबंधित मशीनरी के रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी
गई थी। वर्ष 2018-19 के पिराई सत्र के दौरान कई मौकों पर तकनीकी खराबी आने के कारण पिराई का काम प्रभावित होने पर किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इसके लिए कंपनी के रखरखाव पर अंगुली उठी थी, जिसके चलते संबंधित कंपनी की 40 लाख रुपये की पेमेंट पर रोक लगा दी गई थी। इस रुकी पेमेंट को गुपचुप तरीके से जारी कर दिया गया। इस प्रक्रिया में जो कर्मचारी शामिल थे, उन पर अब कार्रवाई की गई है।
सूत्रों के अनुसार, पूरे विवाद पर सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने संज्ञान लेते हुए मिल प्रशासन को कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद सोनीपत चीनी मिल एमडी ने 3 कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच शुरू करा दी है।
दोषियों काे बख्शा नहीं जाएगा
सोनीपत चीनी मिल के एमडी सुरेंद्र दून ने कहा कि निष्पक्ष जांच को लेकर संबंधित कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है। मामला बोर्ड में रखा जाएगा। जांच पूरी होने के बाद अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।