सोनीपत, 5 नवंबर (हप्र)
कन्या महाविद्यालय, खरखौदा में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत चलाए गए 5 कोर्स में 32 लाख रुपये की गड़बड़ी किए जाने का मामला सामने आया है। मामले की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम ने जांच कर इसकी शिकायत खरखौदा थाना में दी है। जिस पर कोर्स संचालित करने वाली एसबी स्केयर कंसल्टेंसी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों, कन्या महाविद्यालय समिति के पूर्व महासचिव व पूर्व प्राचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री उड़नदस्ते ने इंस्पेक्टर सुनील की अगुवाई में कन्या महाविद्यालय में जांच की थी जिसके बाद अब एसआई राज सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया है। शिकायत में लिखा गया है कि महाविद्यालय में एसबी स्केयर कंसल्टेंसी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से अपने कोर्स नियमों को ताक पर रखकर संचालित किए गए। नियम के अनुसार कोर्स में वे ही विद्यार्थी दाखिला ले सकते थे, जो किसी कारण से अपनी पढ़ाई छोड़ चुके हैं। उसके बाद भी पीएमकेवीवाई में 938 छात्राओं में से कन्या महाविद्यालय में पढ़ने वाली 300 छात्राओं को भी दाखिला दिया गया। उनका पैसा सरकार से गलत तरीके से लिया गया जबकि छात्राओं के लिए यह योजना नहीं थी। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता करनाल की तरफ से दी गई शिकायत पर खरखौदा पुलिस ने फर्म निदेशक अंकित गर्ग, निदेशक वसुंधरा, पूर्व प्राचार्य सुरेश व एजुकेशन सोसाइटी के पूर्व महासचिव धर्मपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्राचार्य के खाते में आई राशि को लिपिक की त्रुटि बताया
महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य के निजी खाते में 6 लाख रुपये आए थे। जिसे लिपिक की त्रुटि बताया गया, जिसके बाद पूर्व प्राचार्य की तरफ से चेक के माध्यम से रकम वापस भी कर दी गई।
जांच में यह भी पाया गया कि योजना के तहत विभिन्न कोर्सों में पढ़ने वाली 938 छात्राएं लगातार प्रशिक्षण प्राप्त करने आती थी या वह सिर्फ परीक्षा देने ही आई। इस बात का भी संबंधित फर्म के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। वहीं 300 छात्राएं तो ऐसी हैं जो इस कोर्स का हिस्सा होने के साथ ही महाविद्यालय में विभिन्न संकाय में पढ़ती थी।
खातों में डाली गई राशि, अधिकारी बोले नहीं मिली
एसबी स्केयर कंसल्टेंसी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने कन्या महाविद्यालय समिति के पूर्व महासचिव धर्मपाल के नाम पर खोले नए बैंक खाते में 32,41,337 रुपये डाल दिए, जबकि योजना के तहत एसबी स्केयर कंसल्टेंसी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के पास 68,56,821 रुपये नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की तरफ से आए थे। वहीं महाविद्यालय की एजुकेशन सोसाइटी का कहना है कि उनके पास सरकारी फंड का कोई पैसा नहीं आया है। जिस फर्म ने कोर्स संचालित किया उसे महाविद्यालय में जगह दी गई थी। रसोई व रेस्टोरेंट बनाने, स्टेशनरी व मशीन आदि के लिए महाविद्यालय को व्यवस्था बनाने में काफी खर्च करना पड़ा। उसकी एवज में फर्म से पैसा लिया गया है न कि सरकारी फंड लिया गया।
”मेरे बैंक खाते में त्रुटिवश 6 लाख रुपये आए थे, जिसे मैंने वापस लौटा दिया था। इसमें मेरी तरफ से कॉलेज को दिया गया दान भी शामिल है। जिसका मेरे पास रिकॉर्ड है। हाल समय में मैं अमेरिका में हूं, वापस लौटकर रिकॉर्ड दिखा सकती हूं।” -सुरेश बूरा, पूर्व प्राचार्य कन्या कॉलेज, खरखौदा
”मेरा गबन से कोई लेना देना नहीं है, अंकित गर्ग की फर्म ने सरकारी फंड प्राप्त किया है। हमें तो सुविधाएं देने के नाम पर पैसा दिया गया था, जो सरकारी नहीं हैं। खाते में जो पैसा आया उसका पूरा रिकॉर्ड है। इसमें भी काफी पैसा अंकित से और लेना बनता है, लेकिन वह दे नहीं रहा है।” -धर्मपाल पूर्व महासचिव, एजुकेशन सोसायटी, खरखौदा
”गबन के मामले में मुख्यमंत्री उडऩदस्ता की तरफ से जांच चल रही थी। खरखौदा पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। 32 लाख रुपये से ज्यादा की गड़बड़ी बताई जा रही है। पीएमकेवीवाई के तहत यह कोर्स करवाए जा रहे थे। पूर्व महासचिव धर्मपाल के खाते में फर्म डायरेक्टर अंकित गर्ग के खाते से पैसा आया था।” -नीरज कुमार, महासचिव, एजुकेशन सोसायटी, खरखौदा