बाढड़ा, 30 अगस्त, (निस)
आजादी के बाद पहली बार भाजपा सरकार ने किसानों के लाख प्रयासों या आंदोलनों के बावजूद कृषि क्षेत्र में कारपोरेट की हितैषी योजनाओं के कानून थोपने जा रही है। इन कानूनों को जबरदस्ती लागू करने की नियत से बार बार किसानों पर लाठीचार्ज व झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं जिसे कांग्रेस किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी तथा करनाल की घटना की न्यायिक जांच व दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सडक़ों पर उतरकर विरोध प्रकट करेगी।
यह बात कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष विजय खोरड़ा व खाप नेता सज्जन सिंह डांडमा ने ग्रामीण जनसंपर्क अभियान के दौरान कही। उन्होंने कहा कि तीन कानूनों को जबरदस्ती लागू करवाने के लिए कस्बे में पूर्वमंत्री किरण चौधरी समर्थकों की आपात बैठक आयोजित कर करनाल की घटना की जांच करने, केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिदिन की जा रही तेल मूल्यवृद्धि व कृषि क्षेत्र में लागू तीनों कानूनों के विरोध में 2 सितंबर को दादरी जिला मुख्यालय पर जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा जिसमें बाढड़ा उपमंडल के प्रत्येक गांव से रिकार्ड भागीदारी के लिए जोन प्रभारी अपनी जिम्मेवारी संभालें।
उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद श्रुति चौधरी व पूर्व कैबिनेट मंत्री किरण चौधरी समर्थकों ने बार-बार विरोध प्रदर्शन कर किसानों पर लाठीचार्ज की घटना की जांच करने के लिए मांग की है लेकिन प्रदेश सरकार उनकी मांग को अनसुना कर रही है। करनाल में एक आईएएस स्तर के अधिकारी द्वारा पुलिस को हर किसान पर हमले करने के आदेश से साफ हो गया कि प्रदेश में जंगलराज कायम हो गया है। निहत्थे किसानों पर पहले लाठी चार्ज व फिर उनपर ही मामला दर्ज करना कहां का न्याय है।
उन्होंने कहा कि देश के लाखों किसान तीन कानूनों को लेकर दिल्ली में सडक़ों पर बैठक और सर्दी के चलते लगातार किसानों की मौत हो रही है लेकिन सरकार इस और कोई ध्यान नही दे रही है जिससे देश भर के किसानों में सरकार के प्रति काफी रोष है। उन्होने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि सभी अपने अपने घरों पर कांग्रेस व किसानों के समर्थन वाले झंडे लगाए और दिल्ली के टीकरी बार्डर व टोल प्लाजा पर पहुंच कर किसान आंदोलन को समर्थन करें। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आगामी 2 सितंबर को ज्यादा से ज्यादा संख्या में दादरी पहुंच कर रोष प्रदर्शन को सफल बनाने का आह्वान किया। जनसंपर्क अभियान में वयौवृद्ध कांग्रेसी नेता राव रामसिंह चांगरोड़, जिलाध्यक्ष मोतीराम जांगड़ा, रामौतार खोरड़ा, प्रेम कादमा, मीरसिंह दगड़ौली, कृष्ण खोरड़ा इत्यादि मौजूद थे।