अम्बाला शहर, 21 मार्च (हप्र)
आज अम्बाला शहर में बराड़ा की एक परियोजना का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया की पत्रकारों के समक्ष किसानों के आंदोलन को लेकर अंतर्मन की व्यथा झलक पड़ी। उन्होंने हाथ जोड़कर कहा कि किसान हमारा भगवान है, अन्नदाता है, देश का पेट भरने वाला है। जनाब 50 बार तो हाथ जोड़ लिए। आगे फिर मेरे बारे यहीं बातें होती हैं। मैं तो हाथ जोड़कर कह रहा हूं कि 2 साल से मंत्री क्या बन लिए हमारी तो जान लेनी कर ली।
उन्होंने कहा कि वह किसानों से पूछना चाहते हैं कि क्या किसानों को वह दिन याद हैं, जब यमुनानगर शुगर मिल के मामले में गन्ने का भुगतान मांगने पर कांग्रेस ने घोड़ों के नालों के नीचे कुचलवाया था। हम तो किसानों को उनकी फसल का दोगुना दाम देना चाहते हैं, लेकिन फिर भी हाथ जोड़कर खड़े हैं और विरोध झेलना पड़ रहा है।
‘जिंदगी के 45 साल तो किसानों की भलाई में ही लग गये’
केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि हमारी जिंदगी के 45 साल तो किसानों की भलाई में ही लग गये, अब वो क्या चाहते हैं। कई बार किसानों के विरोध का सामना कर चुके कटारिया ने कहा कि जनाब हमने तो 50 बार हाथ जोड़ लिए। यदि आज मौके पर उद्घाटन होता तो कई अन्य लोग भी देखते। पिछली बार भी आये थे तो भी काले झंडे लेकर खड़े हो गये। अब किसानों को समझ जाना चाहिए और देशहित में फैसला लेना चाहिए।