झज्जर, 24 दिसंबर (हप्र)
किसान आंदोलन में अभी और तेजी आएगी और तीनों कानूनों को निरस्त करवाने के बाद ही किसान चैन की सांस लेंगे। उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाकर किसान दिल्ली के लाल किले पर अपना जलवा दिखाएंगे।
बादली के ढांसा बाॅर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार अभी किसानों की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने अंदेशा जताया कि 10 जनवरी तक सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी और बाद में तीनों कानूनों को निरस्त करेगी। राकेश टिकैत के साथ गुलिया खाप प्रधान विनोद बादली भी मौजूद रहे।
राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन में बैठना और अपनी मांगों को मजबूत तरीके से सरकार के सामने रखना भी किसानों की खेती है। ‘कानून वापसी नहीं तो घर वापसी भी नहीं’ का नारा देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि विपक्ष ही नहीं बल्कि रात के समय भाजपा के नेता भी किसानों की मदद कर रहे हैं क्योंकि उनकी मांग खेत और खलिहान के हित में है। खाप और किसान संगठनों की मांगें कभी भी अधूरी नहीं रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की एकता ही उनकी मजबूती है। किसानों को खालिस्तानी और आतंकवादी साबित करने में जुटी केंद्र सरकार को समझना चाहिए कि किसान जब देश के एक-एक व्यक्ति को अनाज दे सकता है तो अपने हित की रक्षा करना भी जानता है।
सभी टोल को किया जाएगा फ्री
राकेश टिकैत ने कहा कि अब टोल फ्री करवाना भी आंदोलन की रणनीति बन गया है और देश के सभी टोल को अगले तीन दिनों के लिए फ्री करवाया जाएगा।