बहादुरगढ़, 16 दिसंबर (निस)
कृषि कानूनों को लेकर पिछले 3 सप्ताह से किसान दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर आवाज बुलंद कर रहे हैं। किसानों ने फिर कहा है कि बिना कानून को निरस्त करवाए वे लौटने वाले नहीं हैं। किसानों ने धरनास्थल पर आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उन्हें श्रद्धांजलि दी और सरकार को बुद्धि देने के लिए हवन-यज्ञ किया। टीकरी बार्डर पर पिछले 3 सप्ताह से किसानों के बीच नारी शक्ति भी अपनी आवाज बुलंद कर रही है। पंजाब से काफी संख्या में आई महिलाएं, बेटियां व बच्चे आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं, वहीं सभाओं को भी कई किसान संगठनों से जुड़ी महिलाएं भी संबोधित कर आंदोलनरत किसानों में जोश व उत्साह का संचार कर रही है। वे भजन, गीत, के माध्यम से भी केंद्र सरकार को जमकर कोस रही हैं। किसानों की बढ़ती संख्या को ध्यान रखते हुए पुलिस व अद्धसैनिक बलों की टुकड़ियां सुरक्षा की दृष्टि से अलर्ट हैं। टीकरी बार्डर पर अवरोधकों को मजबूत किया गया है। दिल्ली पुलिस, सीआरएफ, सीआईएसएफ के जवान भी हर स्थिति पर पैनी नजर बनाए रहते हैं।
जमीन बिना पानी का क्या करेंगे : सोमबीर
चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान बुधवार को फिर किसानों के बीच पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को किसी न किसी माध्यम से भटकाने का प्रयास कर रही है, लेकिन किसान उनकी बातों में आने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एसवाईएल का जिक्र कर सरकार आंदोलन से लोगों को ध्यान भटकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जब किसानों के पास जमीन ही नहीं रहेगी तो वे एसवाईएल के पानी का क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को ठंड में बैठे किसानों की परवाह करनी चाहिए और नये कृषि कानूनों को रद्द करना चाहिए।
अमेरिका से पहुंचे डाक्टर
झज्जर (हप्र) : कृषि कानून रद्द कराने को लेकर बॉर्डर पर डटे किसानों के लिए अमेरिका से डाक्टर टीकरी बॉर्डर स्थित धरनास्थल पर पहुंचे हैं। वे किसानों के घुटने व कमर के अलावा हार्ट से जुड़ी बीमारियों की दवा दे रहे हैं। मूल रूप से पंजाब के रहने वाले डाक्टर स्वायाथ सिंह अमेरिका से यहां पहुंचे हैं। उन्होंने धरनास्थल पर गंदगी को लेकर चिंता व्यक्त की। वे अपने साथ दवाइयां भी लेकर पहुंचे हैं। वे किसानों का चेकअप करके दवाइयां दे रहे हैं।